सामना संवाददाता / मुंबई
पालघर जिले के पालक मंत्री नियुक्त होने के बाद गणेश नाईक ने सबसे पहले ठाणे में एंट्री लेकर शिंदे गुट को घेरना शुरू कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे भले ही पालघर के पालक मंत्री हैं, लेकिन हर दो महीने में एक बार ठाणे में जनता दरबार लगाएंगे और शहर का प्रशासन सही करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि ठाणे और जिले में `ओनली कमल’ यानी बीजेपी का दबदबा बनाएंगे। इस बयान के बाद शिंदे गुट में हलचल मच गई है।
गणेश नाईक को पहले भी कई बार शिंदे गुट की नीतियों पर नाराजगी जताते देखा गया था, लेकिन अब उनका आक्रोश खुलकर सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि ठाणे महापालिका चुनाव में वे शिंदे गुट को करारी शिकश्त देने की तैयारी कर रहे हैं। एकनाथ शिंदे जब ठाणे के पालक मंत्री थे, तब गणेश नाईक को साइडलाइन करने की कोशिश की गई थी। नई मुंबई में कई बड़े पैâसले लेते समय नाईक को दरकिनार कर दिया गया था। बेलापुर से भाजपा विधायक मंदा म्हात्रे को ज्यादा प्राथमिकता दी गई थी। १४ गांवों को नई मुंबई महानगरपालिका में शामिल करने के फैसले में भी नाईक की कोई राय नहीं ली गई थी।
गणेश नाईक ने नई मुंबई पुलिस के एक कार्यक्रम में कहा कि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री रहते नई मुंबई में कई गलत फैसले हुए, जिन्हें हमें जबरदस्ती सहन करना पड़ा। उन्होंने साफ कहा कि भाजपा ने ठाणे लोकसभा सीट से संजीव नाईक को उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर ली थी और फडणवीस ने उन्हें प्रचार शुरू करने को भी कह दिया था। लेकिन शिंदे गुट ने इस सीट को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाकर ऐन वक्त पर संजीव नाईक का टिकट काटकर नरेश म्हस्के को उम्मीदवार बना दिया। इससे नाईक समर्थकों में भारी गुस्सा था। अब उसका बदला लेने का वक्त आ गया है।
इतना ही नहीं, नाईक ने कहा कि नई मुंबई महानगरपालिका चुनाव में शिंदे गुट ने हमारी घेराबंदी करने के लिए १११ वॉर्डों की संख्या बढ़ाकर १२२ कर दी थी। नाईक ने इसका जमकर विरोध किया था। अब नाईक को पावर मिला है तो वे शिंदे को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। गणेश नाईक ने एक कार्यक्रम में कहा कि एकनाथ शिंदे सिर्फ प्रोटोकॉल के तहत उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन हमारे नेता देवेंद्र फडणवीस हैं। इस बयान से शिंदे गुट में असंतोष बढ़ गया है।
क्या मिंधे गुट को धोबीपछाड़ देंगे नाईक?
गणेश नाईक का ठाणे में जनता दरबार लगाने का एलान और उनकी आक्रामक रणनीति से यह साफ दिख रहा है कि वे अब मिंधे गुट से हिसाब चुकता करने के मूड में हैं। आगामी ठाणे महानगरपालिका चुनाव में यह टकराव और भी तीखा हो सकता है।