सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार के कार्यकाल में राज्य में कानून-व्यवस्था का मुद्दा गंभीर हो गया है। आपराधिक गतिविधियों में भारी वृद्धि हुई है। बीड जिले में तो गुंडाराज कायम हो गया है। बीड की सड़कों पर शुरू हुआ गैंगवॉर अब जेल तक पहुंच गया है। पुलिस और गृह विभाग क्या कर रहे हैं? इसके साथ ही महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को गृह मंत्रालय का मोह छोड़कर राज्य को एक पूर्णकालिक गृहमंत्री देना चाहिए। हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। राज्य में आपराधिक घटनाएं बड़े पैमाने पर बढ़ी हैं। सरकारी संरक्षण से रेत, जमीन, पवनचक्की, मटका, शराब और कोयला माफिया पनप रहे हैं। ये माफिया रोजाना पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। हत्या, डकैती और बलात्कार की घटनाएं प्रतिदिन हो रही हैं। केंद्रीय मंत्रियों की बेटियों को छेड़ने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता। इसके लिए मंत्रियों को पुलिस स्टेशन के बाहर धरना देना पड़ता है, जो राज्य के लिए शर्म की बात है।
महाराष्ट्र के नाम पर लगा है कलंक
महायुति सरकार के आने से पहले पूरे देश में महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था को उदाहरण के तौर पर पेश किया जाता था। यह एक शांत और प्रगतिशील राज्य माना जाता था, जिसके कारण बड़े पैमाने पर उद्योग यहां आते थे। इससे महाराष्ट्र की चौतरफा प्रगति हुई, लेकिन पिछले कुछ समय से सरकार खासकर गृह विभाग की लापरवाही के कारण महाराष्ट्र के नाम पर कलंक लगा है। अब इसकी तुलना उत्तर भारत के जंगलराज वाले राज्यों से की जाने लगी है।
बीड बना बिहार और तालिबान
सपकाल ने कहा कि सत्ताधारी दल के विधायक भी कह रहे हैं कि बीड बिहार और तालिबान बन गया है। बीड में आका और खोके जैसे गुंडे सत्ताधारियों के आशीर्वाद से ही पनपे हैं। अपराधियों का हौसला इतना बढ़ गया है कि अब बीड की जेल में भी कराड और गित्ते गैंग के बीच गैंगवॉर छिड़ गया है।