सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा के घाटकोपर स्थित राजावाड़ी अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजनों ने न केवल डॉक्टर और कर्मचारी के साथ मारपीट की, बल्कि अस्पताल के सामानों की भी तोड़-फो़ड़ की। इससे एक बार फिर से डॉक्टरों और कर्मचारियों की सुरक्षा का मुद्दा उठ खड़ा हुआ है। मुंबई के तमाम अस्पतालों के डॉक्टरों और कर्मचारियों में इस बात को लेकर असंतोष पैâला हुआ है। लोगों का कहना है कि शिंदे सरकार उन्हें सुरक्षा देने में पूरी तरह से नाकाम रही है। इस घटना के बाद म्युनिसिपल मजदूर यूनियन ने ‘काम बंद’ हड़ताल की, साथ ही डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा की मांग भी की। हड़ताल की वजह से कुछ देर तक स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हुई।
मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई निवासी प्रकाश सोनवणे को उनके परिजनों ने गंभीर हालत में पिछले हफ्ते राजावाड़ी अस्पताल में लाए थे। बुखार, दस्त से पीड़ित मरीज की डॉक्टरों ने जांच कर भर्ती कर दिया। रात ११ बजे मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसके परिजनों को आईसीयू में बुलाकर डॉक्टर ने बताया कि मरीज को वेंटीलेटर पर रखना होगा। इससे खफा परिजनों ने आईसीयू में मौजूद शॉक देनेवाले मशीन को तोड़ दिया, जिससे वेंटिलेटर के लिए मरीजों को इनट्यूबेशन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लैरिंजियल स्कोप भी टूट गया। उन्होंने टेबल पर रखे पिन बॉक्स से भी डॉक्टर को फेंक कर मारा, साथ ही वहां मौजूद डॉक्टरों और सफाइकर्मियों के साथ बदतमीजी करते हुए जान से मारने की भी धमकी दी।
एफआईआर हुई दर्ज
बताया जाता है कि सफाई कर्मचारी नीतेश सादरे के साथ मारपीट की गई इसलिए डॉक्टर और वहां के कर्मचारियों ने घटना के बाद पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई। म्युनिसिपल मजदूर यूनियन के अध्यक्ष अशोक जाधव, महासचिव शैलेंद्र खानविलकर और महासचिव सूर्यकांत गुढेकर को पता चलते ही राजावाड़ी अस्पताल पहुंचे और सभी परिस्थितियों की समीक्षा की। इसके बाद मारपीट के खिलाफ यूनियन की ओर से हड़ताल की गई।