-`शासन आपल्यादारी’ कार्यक्रम नहीं पहुंची जनता
-मंडप बनाने में खर्च हुए थे करोड़ों रुपए
सामना संवाददाता / कल्याण
अपने सांसद पुत्र की सीट बचाने में जुटे मुख्यमंत्री ने `शासन आपल्यादारी’ कार्यक्रम आयोजित कर ठाणे जिले की सभी महापालिकाओं को काम धंधे पर लगा दिया था। हालांकि, आम जनता ने घाती सरकार के कार्यक्रम को नकार दिया। इनका शो यानी कार्यक्रम सुपर फ्लॉप हुआ।
बता दें कि डोंबिवली के प्रीमियर मैदान पर `शासन आपल्यादारी’ कार्यक्रम का बड़े पैमाने पर आयोजन किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री तय समय से दो घंटे लेट आए। इसके चलते जनता ने कार्यक्रम स्थल से पलायन करना शुरू कर दिया। हालात यह हो गए कि लाखों जनता की आस लगाए बैठे मुख्यमंत्री के सामने सिर्फ करीब पांच हजार लोग ही दिखे। आलम यह था कि करोड़ों रुपयों के मंडप में हजारों लोग ही उपस्थित थे। लोग अधिकारियों व कार्यकर्ताओ के आग्रह के बाद भी रुकने को तैयार नहीं थे। थक हारकर मुख्यमंत्री को खाली कुर्सियों के सामने ही भाषणबाजी करनी पड़ी।
बता दें कि जनता में भाजपा नेताओं के प्रति नाराजगी के चलते कल्याण लोकसभा के सांसद श्रीकांत शिंदे के जीतने की आशा क्षीण हो गई है। इसके चलते ट्रिपल इंजन सरकार के मुखिया चार-पांच दिनों से किसी न किसी बहाने कल्याण डोंबिवली मनपा की हद में ही रह रहे हैं। आखिरकार, `शासन आपल्यादारी’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन करने की प्लानिंग की गई और ठाणे की सभी मनपाओं को भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी जबरन दी गई। फेरीवालों को धमकियां देकर कार्यक्रम में हाजिर होने का औरंगजेबी आदेश दिया गया। अकेले कल्याण डोंबिवली मनपा की तरफ से १०० से अधिक बसों की व्यवस्था की गई थी। लोगों के लिए नास्ते की व्यवस्था की गई थी। चार घंटे के कार्यक्रम पर सरकारी तिजोरी से करोड़ों रुपए बर्बाद किए गए, मगर जनता जनार्दन ने घाती सरकार को सिरे से नकार दिया और बता दिया कि जनता इस बार निर्णायक मन बना चुकी है।