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मुंबई में भी सात फेरे ले रही हैं बालिका वधू! …‘घाती’ सरकार के राज में दोगुने हुए बाल विवाह

२७ महीने में महानगर में १६ मामले आए सामने
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
कहा जाता है कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा दूर-दराज के क्षेत्रों में ही सिमटकर रह गई है। मगर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मुंबई जैसे देश के सबसे आधुनिक शहर में भी बालिका वधू सात फेरे ले रही हैं। हैरानी की बात है कि ‘घाती’ सरकार के राज में गत २७ महीनों में महानगर में बाल विवाह के मामले दोगुने हो गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, महाविकास आघाड़ी सरकार ने ऐसे मामलों पर काफी सख्ती की थी, जिससे बाल विवाह के मामले काफी कम हो गए थे। पर घाती सरकार के राज में अब बाल विवाह के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। ‘घाती’ सरकार इसे रोकने में नाकामयाब साबित हो रही है।
आरटीआई से मिली जानकारी में बताया गया है कि पिछले २७ महीनों में मुंबई में १६ बाल विवाह हुए हैं। फिर भी यह निकम्मी सरकार इस प्रथा को रोकने की बजाय मूकदर्शक बनी हुई है। इस मामले में प्रबुद्ध नागरिकों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि यह वैâसी सरकार है, जिसके राज में बेटियां बोझ बन गई हैं और उनकी नाबालिग अवस्था में ही शादी करा दी जा रही है। बाल विवाह रोकने के लिए राज्यभर में अनेक योजनाएं लागू की गई हैं, लेकिन फिर भी बाल विवाह पर अभी तक पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। पिछले २८ महीनों में बाल विवाह के प्रतिशत में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है। सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में शिंदे सरकार के महिला व बाल कल्याण विभाग ने जो आंकड़े बताए हैं, वे चिंता बढ़ानेवाले हैं। जानकारी के मुताबिक, मुंबई में बाल विवाह के मामले ने इस चिंता को और बढ़ा दिया है। विभाग की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में २७ महीनों में बाल विवाह के कुल ३,१९७ मामले सामने आए हैं। इनमें से सबसे अधिक बाल विवाह के मामले धाराशिव, परभणी और बीड में सामने आए हैं। इसके बावजूद शिंदे सरकार इन्हें रोकने की बजाय केवल राजनीति और जोड़-तोड़ करने में मगन हैं। इसे लेकर जागरूक नागरिक सवाल उठा रहे हैं कि तमाम तरह की उपाय योजनाएं करने और पूरी मशीनरी होने के बाद भी आखिरकार राज्य में बाल विवाह के मामले कम क्यों नहीं हो रहे हैं? महाराष्ट्र सरकार और स्थानीय प्रशासन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि बाल विवाह और बच्चों के साथ दुर्व्यवहार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है। फोटोग्राफरों, मंडप पेशेवरों के लिए शादी की बुकिंग करते समय लड़के और लड़कियों का जन्म प्रमाणपत्र मांगना अनिवार्य है। हालांकि कई ऐसे मंडपवाले हैं, जिन्हें इन नियमों के बारे में नहीं पता है, जिसकी वजह से बाल विवाह को रोकना मुश्किल हो गया है।

 

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