विरोध प्रदर्शन को दबाने की पुलिसिया कोशिश
सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष की ओर से पानी के लिए एक विशाल हंडा मोर्चा निकाला गया। ये मोर्चा परेल, शिवड़ी, वर्ली, प्रभादेवी और ग्रांट रोड स्थित विभागीय कार्यालयों पर निकाला गया। पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की। बड़ी संख्या में शिवसैनिकों को हिरासत में लिया गया। हालांकि, परेल और शिवड़ी के शिवसैनिक मनपा के एफ दक्षिण डिवीजन कार्यालय में घुस गए और `पानी दो, पानी दो नहीं तो कुर्सी खाली करो’ जैसे नारे लगाने लगे।
इस बीच वर्ली प्रभादेवी के शिवसेना सदस्यों ने विभाग कार्यालय जाकर अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा। शिवसेना ने इस सप्ताह मुंबई मनपा के विभिन्न विभाग कार्यालयों पर मोर्चा का आयोजन किया और अपर्याप्त एवं दूषित जलापूर्ति, मुंबईकरों पर लगाया गया कचरा कर तथा घटिया एवं अधूरे सड़क निर्माण जैसे विभिन्न मुद्दों को उठाया। पहले ही दिन पुलिस ने बड़ी संख्या में शिवसैनिकों को गिरफ्तार कर लिया। शिवसैनिकों को गिरगांव, दादर और वडाला इलाकों में मोर्चा निकालने की इजाजत नहीं दी गई। इसके अलावा दूसरे दिन जी साउथ कार्यालय, जो वर्ली और प्रभादेवी का हिस्सा है और एफ साउथ डिवीजन कार्यालय, जिसमें शिवड़ी, परेल शामिल हैं पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। पुलिस ने पहले ही इस मोर्चा के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, कार्यकर्ताओं ने मोर्चा निकाला था।
शिवसैनिकों ने शिवड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय चौधरी के नेतृत्व में शिवसेना सचिव सुधीर साल्वी और शिवसेना विभाग प्रमुख आशीष चेंबूरकर की उपस्थिति में मोर्चा में भाग लिया। शिवसैनिक परेल स्थित मजदूर मैदान में एकत्र हुए, लेकिन विरोध प्रदर्शन के खिलाफ पुलिस बल का प्रयोग किया गया। लोकतांत्रिक तरीकों से चल रहे आंदोलन को दबाने का प्रयास किया गया। हालांकि, पूर्व शिवसेना नगरसेवक सचिन पडवल, दत्ता पोंगड़े और अन्य शिवसैनिकों ने एफ दक्षिण विभाग कार्यालय में प्रवेश किया और विरोध प्रदर्शन किया तथा मनपा विभाग के अधिकारियों के समक्ष मुंबईकरों की पानी की समस्या रखी। प्रखंड कार्यालय पर नारे भी लगाए गए।
वर्ली और प्रभादेवी के शिवसैनिक दक्षिण डिवीजन कार्यालय तक मोर्चा निकालने के लिए पांडुरंग बुधकर मार्ग पर एकत्र हुए थे। मोर्चा को वहां से थोड़ी दूरी पर रोक दिया गया। इस मोर्चा में बड़ी संख्या में शिवसैनिकों और आम नागरिकों ने भाग लिया। पुलिस को बुलाकर मोर्चा को रोकने की कोशिश की, लेकिन शिवसैनिकों ने आक्रामक रुख अपनाया और दक्षिण कार्यालय जाकर विरोध प्रदर्शन किया।