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…आदिगंगा में समाहित होने निकलीं देवी भगवती …विसर्जन यात्रा में दो सौ से ज्यादा देवी प्रतिमाएं

•४८ घंटे में विसर्जन संपन्न होने की उम्मीद

विक्रम सिंह/सुल्तानपुर

शारदीय नवरात्र की अष्टमी से प्रारंभ होकर शरद पूर्णिमा तक मनाया जाने वाला देशभर में प्रसिद्ध सुल्तानपुर का अनूठा दुर्गापूजा महोत्सव अब समाप्ति की ओर है। गुरुवार की देर शाम विसर्जन शोभायात्रा परंपरागत मार्गों से होकर आदिगंगा गोमती में समाहित होने गाजेबाजे के साथ अपने गंतव्य की ओर निकल पड़ी। जिसमें करीब दो सौ देवी प्रतिमाएं हैं। फिलहाल खबर लिखे जाने तक महज कुछेक प्रतिमाओं का ही विसर्जन संभव हो सका है। सारा शहर देवी गीतों से गुंजायमान है और शनिवार शाम तक कहीं शोभायात्रा की समाप्ति की संभावना है।

यूँ तो सन १९५९ से ही सुल्तानपुर के चौक व ठठेरी बाजार इलाके में इसी अंदाज में दुर्गापूजा उत्सव मनाने का सिलसिला शुरू हुआ। लेकिन साल दर साल प्रतिमाओं में वृद्धि होने लगी और अनेकों स्वरूप स्थापित किये जाने लगे। अब लगभग दो सौ प्रतिमाएं शहर में कदम-कदम पर स्थापित किये जाने लगे। जिनकी सामूहिक विसर्जन यात्रा महोत्सव का मुख्य आकर्षण है। इस बार भी उसी अंदाज में ये सिलसिला जारी है। इस बार भी डीएम कृतिका ज्योत्सना व कप्तान सोमेन बर्मा ने हरी झंडी दिखाकर मैराथन शोभा यात्रा को चौक ठठेरी बाजार से रवाना कर दिया। हालांकि प्रलयंकारी ध्वनि के साथ विशालकाय डीजे ‘खलनायक’ स्वरूप में शोभायात्रा में खलल डाल रहे हैं। जिनपर आयोजकों का भी अंकुश नहीं है। इस कारण सोशल मीडिया व मीडिया में डीजे के प्रयोग को लेकर विमर्श का दौर जारी है। जगह-जगह भंडारे और प्रसाद वितरण के दौर चल रहे हैं। शहर में भक्तों का रेला उमड़ रहा है। अपराध निरोधक कमेटी, गोमती मित्र मंडल व जिला सुरक्षा संगठन आदि सामाजिक संस्थाएं विसर्जन यात्रा में अपनी भूमिकाएं निभा रही हैं।

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