सामना संवाददाता / मुंबई
ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बन गई हैं। उन्होंने कल प्रयागराज में संगम तट पर पिंडदान किया। अब वे यामाई ममता नंद गिरि कहलाएंगी। ५३ साल की ममता कल सुबह ही महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा पहुंची थीं। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक महामंडलेश्वर बनने को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद किन्नर अखाड़ा ने उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी देने का एलान किया। बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज में महाकुंभ में संन्यास की दीक्षा ले ली है।
ममता ने किया अपना पिंडदान
ली संन्यास की दीक्षा
भगवा वस्त्र पहने साध्वियों के
साथ खड़ी नजर आईं
ममता कुलकर्णी ने संगम तट पर अपने हाथों से पिंडदान किया। अब उन्हें यामाई ममता नंद गिरि के नाम से जाना जाएगा। जूना अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दी। अभिनेत्री महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में रह रही हैं।
महामंडलेश्वर लक्ष्मी त्रिपाठी ने यह कहा कि बहुत लोग जुड़ते हैं। बहुत लोग सनातन में रुचि रखते हैं। २०१५ से नर नारी किन्नर हैं इसमें, सब महामंडलेश्वर भी हैं। हम सबका सम्मान करते हैं, लेकिन अगर जो पद का निर्वहन नहीं कर पाएगा उसे हम महामंडलेश्वर बनाने के बाद खारिज भी कर सकते हैं। अभिनेत्री सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं। उन्होंने महाकुंभ से कई तस्वीरों और वीडियो को साझा किया, जिसमें भगवा वस्त्र पहने साध्वियों के साथ खड़ी नजर आर्इं। एक अन्य वीडियो में अभिनेत्री ने बताया था कि वे मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में स्नान करेंगी। अभिनेत्री ने बताया कि वे शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगी और फिर अयोध्या धाम भी जाने की योजना है।
ममता कुलकर्णी ने यह भी बताया कि इसके बाद वे अपने माता-पिता का पितृ तर्पण भी करेंगी। इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए क्लिप में अभिनेत्री कहती नजर आई थीं, नमस्ते दोस्तों, शुभ प्रभात, मैं कल दुबई वापस जा रही हूं और जनवरी में मैं कुंभ मेले में शामिल होने के लिए आऊंगी। मैं इलाहाबाद में शाही स्नान करने और डुबकी लगाने के लिए वापस आऊंगी।