पांच सदस्यीय समिति करेगी जांच
शिवसेना ने उठाया था मुद्दा
सामना संवाददाता / मुंबई
कुछ दिन पहले मुंबई यूनिवर्सिटी के कालीना कैंपस में छात्रों को दूषित पानी और घटिया खाने से फूड पॉइजनिंग हुआ था। इस बात को खुद सरकार ने सदन में स्वीकार किया है। इसलिए सरकार की लापरवाही खुलकर सामने आ गई है। इस संदर्भ में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक विलास पोतनीस ने तारांकित प्रश्न के जरिए विधान परिषद में सवाल उपस्थित किया था। साथ ही विश्वविद्यालय छात्रावास की दुर्दशा की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। इस पर जवाब देते हुए उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने स्वीकार किया कि विश्वविद्यालय के छात्रावास असुविधाजनक हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करने के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति के गठन की घोषणा भी की।
मुंबई यूनिवर्सिटी के कालीना कैंपस के एक हॉस्टल में रहनेवाले ४० से ज्यादा छात्र दूषित पानी और खराब खाने की वजह से फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए थे। विश्वविद्यालय में सभी बुनियादी सेवाओं के स्तर बिगड़ने के कारण लड़कियों के लिए चार छात्रावासों में से किसी में भी कैटेरिया की सुविधा नहीं है। चूंकि विश्वविद्यालय में कैंटीन कई वर्षों से एक ही ठेकेदार के अधीन है, इसलिए भोजन की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है। इसके अलावा, शिवसेना विधायक विलास पोतनीस ने बताया कि मनपा से होनेवाले दूषित पानी की आपूर्ति और गंदे कूलरों े के कारण छात्राओं के स्वास्थ्य को खतरा है। इस समय सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि बाहरी क्षेत्रों से आने की वजह से उनकी हालत खराब हुई है। लेकिन शिवसेना नेता व विधायक एड. अनिल परब द्वारा इस ओर ध्यान आकृष्ट किया गया कि यह फूड पॉइजनिंग दूषित पानी और खराब खाने की वजह से हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी में कई असुविधाएं हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार इस संबंध में क्या कदम उठाएगी।
समिति ऐसे करेगी काम
विश्वविद्यालय में छात्रावास सहित अन्य सभी तरह की सुविधाओं को बेहतर स्तर का देने के लिए पांच सदस्यीय समिति अध्ययन करेगी। समिति में एक प्रतिनिधि सरकार का और एक छात्र प्रतिनिधि से होगा। मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद सरकार की ओर से बेहतर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर पाटील ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर का छात्रावास शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर कार्रवाई चल रही है।