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सरकार और अडानी की दादागीरी … सर्वेक्षण में भाग नहीं लेने वाले अनधिकृत घोषित! … धारावीकरों में भारी आक्रोश

सामना संवाददाता / मुंबई
पहले से ही अडानी की धारावी पुनर्विकास परियोजना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ गुस्से की लहर है। ये परियोजना धारावी निवासियों की इच्छा के खिलाफ १२ लाख धारावी निवासियों को प्रभावित कर रही है, वहीं अब अडानी की एनएमपीडीए कंपनी और सरकार ने सर्वेक्षण में भाग नहीं लेने वाले धारावी निवासियों को अनधिकृत घोषित कर दिया है। एनएमपीडीए ने एक प्रेस नोट जारी कर यह जानकारी दी। अडानी आैर सरकार के इस पैâसले से धारावी के निवासियों में भारी रोष व्याप्त हो गया है।
धारावी पुनर्विकास परियोजना के तहत अडानी की एनएमपीडीए कंपनी द्वारा सर्वेक्षण कार्य चल रहा है। धारावी निवासियों की ओर से भी इस परियोजना और सर्वेक्षण का कड़ा विरोध किया जा रहा है। इस विरोध को तोड़ने के लिए केंद्र, राज्य और अडानी कंपनी द्वारा बार-बार प्रयास किए जा रहे हैं। भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, लेकिन चूंकि धारावीकर किसी प्रलोभन में नहीं आते इसलिए कंपनी ने अब उन धारावीकरों को अनधिकृत घोषित कर दिया है, जिन्होंने सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया था।
बता दें कि अडानी की कंपनी ने धारावी निवासियों को १५ अप्रैल तक सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह आखिरी मौका था। तदनुसार, कंपनी ने गत दिवस एक प्रेस नोट जारी कर सर्वेक्षण में भाग नहीं लेने वाले धारावी निवासियों को अनधिकृत घोषित किया।
धारावी निवासी वर्षों से यहां रह रहे हैं। यहां तक ​​कि सरकार स्वयं भी धारावी निवासियों को सिर्फ इसलिए अनधिकृत घोषित नहीं कर सकती, क्योंकि उन्होंने अडानी के पुनर्विकास का विरोध किया और सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पूर्व विधायक बाबूराव माने ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार में हिम्मत है तो अपात्रों की सूची जारी करे।

डराने के लिए अयोग्य ठहराने की धमकी
गौरतलब है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना का सर्वेक्षण अभी तक पूरा नहीं हुआ है। यह जारी है। इस मामले में किसी को भी उन निवासियों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार नहीं है, जिन्होंने सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया। इसके अलावा सर्वेक्षण में कई चरण हैं। सर्वेक्षण में अयोग्य घोषित होने के बाद भी निवासियों को अपील करने का अधिकार है। निकाय सर्वेक्षण पूरा नहीं हुआ है, मास्टर प्लान की घोषणा नहीं हुई है। धारावी बचाओ आंदोलन के समन्वयक एडवोकेट राजेंद्र कोरडे ने कहा कि सरकार और कंपनी ने लोगों को डराने के लिए इस तरह से अयोग्य ठहराने की धमकी दी है।

 

 

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