सामना संवाददाता / मुंबई
घाती-भाजपा सरकार के कार्यकाल में एक के बाद एक घोटाले बाहर आ रहे हैं। ऐसे में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नागपुर में भारी बारिश से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए मिले लाखों रुपए सरकारी बाबू किसानों के बोगस नाम का इस्तेमाल करके डकार गए। विधान परिषद में विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने कल सदन में इस सनसनीखेज मामले की पोल खोलकर रख दी।
नागपुर में वित्तीय वर्ष २०२२-२३ के दौरान भारी बरसात के चलते हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के तौर पर राज्य सरकार ने किसानों के लिए प्रति हेक्टर १३,६०० रुपए सहायता घोषित की थी। लेकिन नागपुर जिले की कई तहसीलों में सरकारी बाबूओं किसानों का फर्जी नाम सूची में शामिल करके लाखों रुपए डकार गए। यह मामाला तब सामने आया, जब फर्जी किसानों का नाम सरकारी कागजातों में नजर आया, जबकि वास्तव में वे किसान नहीं थे। आश्चर्य तो तब हुआ जब फर्जी किसानों ने बैंक खातों से फसल नुकसान क्षतिपूर्ति के पैसे निकालकर गायब हो गए। जिला नियोजन समिति के सदस्य ने आरटीआई के तहत यह जानकारी हासिल की। घोटाले की जांच कर सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं होती है तो वह सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा।
अधिकारियों ने खसरा-खतौनी और सात बारा पर किसानों के नाम बदलकर कृषि अनुदान को लुटने का काम किया है। किसानों का अनुदान लूटने का पाप करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
अंबादास दानवे,
विप प्रतिपक्ष नेता