सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य सरकार मुंबई में ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने में फेल साबित हुई है इसलिए अब मुंबई की ट्रैफिक समस्या को दूर करने के लिए वॉटर टैक्सी की अवधारणा को लागू करने जा रही है। इसके लिए कोच्चि वॉटर मेट्रो परियोजना की मदद ली जा रही है। मुंबई महानगर क्षेत्र में १५ नए जेटी बनाने का संकल्प है। राज्य के मत्स्य विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वॉटर टैक्सी के लिए नौ रूटों की पहचान की गई है और जल्द ही इसका काम शुरू किया जाएगा।
राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए कोच्चि वॉटर मेट्रो परियोजना का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही में मुंबई पहुंचा था। इस प्रतिनिधिमंडल द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद पता चला है कि मुंबईकरों को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए वॉटर टैक्सी परियोजना की तैयारी शुरू कर दी गई है। महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की मदद से वॉटर टैक्सी परियोजना का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार का इरादा अगले दो साल में इस परियोजना को पूरा करने का है और फिर दूसरे चरण में रो-रो सेवा और वॉटर एंबुलेंस शुरू करने की भी बात कही जा रही है। कोच्चि वॉटर मेट्रो परियोजना द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई महानगर क्षेत्र में २१ स्थानों की पहचान की गई है, जहां जेटी का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में १५ जेटी बनाने का काम किया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण में शेष जेटी का काम किया जाएगा, मत्स्य विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया। इस जल टैक्सी परियोजना से मुंबई, ठाणे, रायगड और पालघर जिलों के नागरिकों को लाभ होगा।
४० मिनट में दक्षिण मुंबई से वसई
मौजूदा स्थिति को देखते हुए, दक्षिण मुंबई से वसई पहुंचने में दो घंटे से अधिक का समय लगता है। हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि यह यात्रा वॉटर टैक्सी से लगभग ४० से ५० मिनट में संभव है। कल्याण से वसई तक की यात्रा में एक घंटा ४० मिनट का समय लगता है। यह यात्रा वॉटर टैक्सी से ३५ से ४५ मिनट में की जा सकती है।