– कानून में भी करेगी संशोधन
सामना संवाददाता / मुुंबई
केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं का नारा दे रही है, लेकिर जमीनी हकीकत यह है कि राज्य की महायुति सरकार स्त्री भ्रूण हत्या रोकने में नाकाम साबित हो रही है। सरकार अब कानून में संशोधन करने पर विचार कर रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि स्त्री भ्रूण हत्या करने वालों पर कठोर कार्रवाई करने के लिए कानून में संशोधन किए जाएंगे और उसका प्रभावी क्रिन्यान्वयन किया जाएगा।
राज्य में लड़कियों की जन्मदर में वृद्धि के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। पीसीपीएनडीटी अधिनियम पूर्व-गर्भाधान और पूर्व-गर्भावस्था निदान तकनीक अधिनियम के तहत स्त्री भ्रूण हत्या जैसे अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलेक्टर, जिला पुलिस प्रमुख और जिला सर्जन की अध्यक्षता में समितियां गठित की गई हैं, जो प्रत्येक जिले में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
कठोर कार्रवाई के आदेश
स्त्री भ्रूण हत्या रोकने के लिए छद्म (डिकॉय) मामलों में शामिल महिला को रुपए १ लाख देने का निर्णय लिया गया है और इस योजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। इसके अलावा अवैध भ्रूण हत्या की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर १०४ संचालित किया गया है, जिसे और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। अवैध रूप से गर्भ का लिंग परीक्षण करने वाले गिरोहों पर छापेमारी, जांच और उन पर कठोर कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं। इसके लिए जिला पुलिस प्रमुख और जिला कलेक्टर स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाएगा।