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१४,००० जिला परिषद स्कूलों को बंद करना चाहती है सरकार … विपक्ष ने लगाया ‘ईडी’ सरकार पर गंभीर आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने वास्तव में राज्य में शिक्षा को बर्बाद कर दिया है। दो वर्षों में सरकार द्वारा लिए गए शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई पैâसले छात्रों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं। जब तक यह सरकार नहीं बदलेगी, छात्रों की पढ़ाई में दिक्कतें खत्म नहीं होंगी। इस सरकार को बदलने का आह्वान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के नेता सुनील गव्हाणे ने किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कम छात्रों के नाम पर राज्य के १४,००० से अधिक जिला परिषद स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई है। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने हाल ही में इन जिला परिषद स्कूलों में अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है।

जिला परिषद स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को सरकार ने अब तक गणवेश भी नहीं दिया है। राज्य के सरकारी तकनीकी कॉलेज में सरकार स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर पाई है। जिन शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, वे संविदा के आधार पर हैं और इन शिक्षकों को भी पिछले ढाई साल से वेतन नहीं मिला है। राज्य के छात्रों को रोजगार देने वाली कई कंपनियां गुजरात और दूसरे राज्यों का रुख कर चुकी हैं। कुछ महीने पहले मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) में भ्रष्टाचार के कारण राज्य में बच्चे डॉक्टर बनने से वंचित रह गए थे। पिछले साल तक एम-फार्मा के छात्रों को मिलने वाला १८,००० रुपए का वजीफा बंद कर दिया गया है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की कागजी कार्रवाई में देरी के कारण राज्य में फार्मेसी स्कूलों में प्रवेश देर से शुरू हुआ, जिससे छात्रों को शैक्षणिक नुकसान हुआ है। सरकार ने पीएचडी छात्रों के लिए शोध पूर्व छात्रवृत्ति भी बंद कर दी है। शिक्षा विभाग के अलावा  राज्य में विभिन्न विभागों में संविदा भर्ती अभी भी जारी है और हाल ही में चिकित्सा शिक्षा विभाग में संविदा कर्मियों की भर्ती के लिए तीन एजेंसियों को नियुक्त किया गया है।
राज्य सरकार ‘शिक्षा का अधिकार’ अधिनियम में बदलाव करके जान-बूझकर इस प्रवेश प्रक्रिया में देरी कर रही है, जिसके चलते राज्य के कई छात्रों को पहली बार निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश नहीं मिल सका। सरकार के इस तरह के विभिन्न निर्णयों के कारण राज्य में आम विद्यार्थियों के लिए शिक्षा प्राप्त करना कठिन हो गया है इसलिए शिक्षा को बचाने के लिए इस सरकार को बदलने की जरूरत है।

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