मुख्यपृष्ठनए समाचारचश्में बांटकर छात्रों का नजरिया चुराना चाहती है सरकार! ... तीन गुना...

चश्में बांटकर छात्रों का नजरिया चुराना चाहती है सरकार! … तीन गुना खर्च करके तकरीबन ८२ हजार छात्रों की आंखों की होगी जांच

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में महाराष्ट्र के सभी सरकारी और अनुदानित स्कूलों के छात्रों के आंखों का परीक्षण कर उन्हें मुफ्त में चश्मा वितरित करने की तैयारी की गई में योजना पर शिंदे सरकार डाका डालने जा रही है। लोकसभा और विधान सभा चुनाव के नजदीक आते ही तत्कालीन आघाड़ी सरकार की उक्त योजना का सहारा लेते हुए मौजूदा सरकार चश्मा बांटकर छात्रों की नजरिया बदलने की कोशिश कर रही है। यानी उनकी नजर चुराना चाहती है। इसलिए तीन गुना अधिक खर्च करके तकरीबन ८२ हजार छात्रों की आंखों की जांच की जाएगी। इतना ही नहीं सरकार अभिभावकों को रिझाने के लिए चुनावी झुनझुना पकड़ाने की कोशिश भी कर रही है। दूसरी तरफ योजना का बजट भी पांच करोड़ से बढ़ाकर १५ करोड़ कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य के ८१,५५६ स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की आंखों की जांच की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के बाद से ही छात्रों में मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर का इस्तेमाल बहुत अधिक बढ़ गया है। कई घंटे छात्र स्क्रीन पर हाी बिता रहे हैं। इससे उन्हें आंखों से संबंधित कई बीमारियां हो रही है। इसके कारण मायोपिया जैसी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। इसमें बच्चों को नजदीक का तो सही तरीके से दिखाई देता है, लेकिन दूर दृष्टि कमजोर हो जाती है। इसे देखते हुए नेत्र रोग चिकित्सक अभिभावकों में बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करने के प्रति जन जागरूकता पैदा कर रहे हैं। इसके बाद भी बच्चों में यह लत नहीं छूट रही है, जो उनकी आंखों को प्रभावित कर रही है। छात्रों में तेजी से पैâल रही इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों की आंखों की जांच कर उन्हें मुफ्त में चश्मा वितरित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसके लिए बाकायदा पांच करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया था, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद यह प्रस्ताव मंत्रालय की फाइलों में धूल फांक रहा था। हालांकि, अब जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव मुहाने पर है तो शिंदे सरकार को छात्रों की सुध आई है।

नई योजना बता रही सरकार
महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में तैयार किए गए इस प्रस्ताव को स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाल ही में जारी किए गए शासनादेश में बताया गया है कि मौजूदा सरकार की यह राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नई योजना है। इस योजना में छात्रों की आंखों की जांच करने के साथ ही स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी। इसके लिए ११९५ चिकित्सकीय टीमों का इस्तेमाल किया जाएगा। एक नेत्र चिकित्सक हर महीने चार, जबकि साल में ४८ स्कूलों में जाकर छात्रों की आंखों की जांच करेंगे।

 

अन्य समाचार