प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में गड़बड़झाला
सामना संवाददाता / गोंडा
देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने की बात करने वाली, गरीबों की हितैषी मानने वाली भाजपा सरकार का सिस्टम फेल है। पूरा सिस्टम ही भ्रष्टाचार युक्त है। देश के पीएम `प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के अंतर्गत गरीबों का पेट भरने का दावा करते हैं। हालांकि, उससे गरीबों का नहीं, बल्कि अमीरों का पेट भर रहा है। बता दें कि सिस्टम की लाफरवाही की वजह से गोंडा के हजारों आयकर दाता यानी अमीर व्यक्ति भी बीते ४ वर्ष से गरीबों के राशन पर डाका डाल रहे हैं। जब इस बात की पोल खुली तो सरकार के निर्देश पर अब जिलेवार अपात्रों की सूची भेजकर जिलापूर्ति अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, अब गोंडा की आपूर्ति विभाग ने राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अगर गोंडा की बात करें तो अकेले गोंडा में ही योजना के तहत ७,८६६ आयकर दाता प्रतिमाह ६३.६३ लाख रुपए का राशन मुफ्त ले रहे हैं। इस तरह से देखें तो बीते ४ वर्षों में आयकर दाता एक जिले में ३०.५४ करोड़ रुपए का राशन मुफ्त में खा गए। अकेले गोंडा ही नहीं अयोध्या, हरदोई, बाराबंकी, बहराइच और सुल्तानपुर में हजारों लोग इसका अनुचित फायदा लेते पाए गए हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जून २०२० में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी। योजना में पात्र गृहस्थी राशन कार्ड के प्रत्येक सदस्य को ५ किलो गेहूं या चावल मुफ्त देने की व्यवस्था है। आयकर देने वाले लोगों ने न सिर्फ राशन कार्ड बनवाया, बल्कि लगातार ४ वर्ष से मुफ्त राशन भी ले रहे हैं। आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग ने दो महीने पहले आधार सीडिंग के बाद आयकर, कृषि व अन्य विभागों से योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थियों की सूची मांगी थी। आधार से मिलान के बाद आयकर दाता और अन्य योजनाओं का लाभ लेने के साथ ही मुफ्त राशन लेने वालों की पुष्टि हुई है।