नागरिकों ने शुरू किया विरोध
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा देश की सभी महापलिकाओं से आर्थिक रुप से संपन्न मानी जाती थी। लेकिन सरकार की गलत नीति के कारण मनपा का पूरा खजाना खाली हो गया है। अपने आर्थिक संकट से जूझ रही मनपा ने अब मालाबार हिल,फोर्ट और वर्ली के भूखंड बेचने की तैयारी में जुट गई है। वहीं दूसरी ओर मनपा के इस निर्णय के खिलाफ स्थानीय नागरिकों ने विरोध शुरू कर दिया है।
मनपा की आय के स्रोत कम होते जा रहे हैं, सरकार की ओर से करोड़ों के प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए आ रहे हैं। कोस्टल रोड के उपनगरीय चरण, जल सुरंगों के काम, गोरेगांव मुलुंड रोड, सड़कों के कंक्रीटीकरण जैसी प्रमुख परियोजनाओं के साथ-साथ आने वाले वर्षों में दैनिक रखरखाव के काम भी बड़े पैमाने पर किए जाएंगे। मनपा के विभिन्न बैंकों में ८३ हजार करोड़ रुपए की एफडी जमा हैं और मनपा के खर्चों का आकार दो लाख करोड़ से अधिक हो गया है। पिछले कुछ वर्षों से मनपा के पास कोई नया राजस्व विकल्प नहीं है।
धन उगाही का विकल्प
मनपा की आय के दो महत्वपूर्ण स्रोत संपत्ति कर और विकास योजना यानी पुनर्विकास से होने वाली आय हैं। जकात की जगह मिलने वाला कर भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। दूसरी ओर, मनपा अधिनियम में हर पांच साल में संपत्ति कर की दर को संशोधित करने का प्रावधान है। पिछले चार साल से यह सुधार नहीं हो सका। मनपा ने अब अपनी कुछ जमीनों की नीलामी कर राजस्व जुटाने का पैâसला किया है। मनपा प्रशासन ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में इस संबंध में प्रावधान किया था। इसके मुताबिक अक्टूबर महीने में पहली बार विज्ञापन दिया गया था।
इन स्थानों की नीलामी
तीन भूखंड की नीलामी करने का निर्णय लिया गया, अर्थात् छत्रपति शिवाजी महाराज मंडई का भूखंड, मालाबार हिल में बेस्ट के रिसीविंग स्टेशन का भूखंड और वर्ली में डामर प्लांट का भूखंड का समावेश है। इनमें स्थानीय लोग मालाबार हिल की जगह देने का विरोध कर रहे थे। यह स्थान पार्क के लिए आरक्षित है। इसलिए विधायक मंगलप्रभात लोढ़ा ने हाल ही में स्थानीय लोगों की मांग को देखते हुए मनपा आयुक्त से मालाबार हिल में इस भूखंड की प्रक्रिया को रोकने का अनुरोध किया था। टेंडर के बाद प्री-टेंडर मीटिंग भी हो चुकी है। मनपा को राजस्व की जरूरत है। मनपा के जानकार सूत्रों ने बताया कि इसलिए इस प्रक्रिया को रोका नहीं गया है। मालाबार हिल साइट पर बेस्ट का पावर सबस्टेशन है। लेकिन इसका उपयोग नहीं होने के कारण मनपा इस जगह को नीलाम करने जा रही है। लेकिन चूंकि यह जगह पार्क के लिए आरक्षित है, इसलिए यहां पार्क होना चाहिए। अगर मनपा ने पैâसला नहीं बदला तो हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। – जोरू भटेना, पर्यावरणविद