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जुमलों के जीआर,  ३०० के पार! …प्रलोभनों से चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है महायुति

-आनन-फानन में जारी कर रही है ढेर सारे शासनादेश; जनता को अमल पर है अंदेशा
सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में आचार संहिता किसी भी समय लागू हो सकती है, इसलिए आनन-फानन में महायुति सरकार थोक में फैसले ले रही है। यहां तक कि एक ही दिन में जुमलों के लगभग ३०० जीआर (शासनादेश) जारी किए गए हैं। इस प्रकार प्रलोभनों के सहारे जनता को झांसा देकर महायुति सरकार आगामी विधानसभा चुनाव की वैतरणी पार करना चाहती है।
बता दें कि एक तरफ जहां रोजाना सैकड़ों शासन आदेश जारी हो रहे हैं, वहीं मंत्रिमंडल की बैठकों की भी लगातार श्रृंखला चल रही है। सप्ताह में दो बैठकें हो रही हैं, जबकि इसके पहले कई बार महीनों तक बैठक का अता-पता नहीं था। सूत्रों के अनुसार, आचार संहिता लागू होने से पहले ही सभी विभाग ने टेंडर निकालने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। खास बात यह है कि महायुति के जनप्रतिनिधियों को मिलने वाले फंड के पैâसले सबसे ज्यादा होते दिख रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव महायुति के लिए काफी मुश्किल साबित होने वाला है। महायुति को हराने के लिए महाविकास आघाड़ी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी है। इसलिए ‘ईडी’ सरकार ने मात्र १२ दिन में लगभग २,५०० शासनादेश जारी किया है। इसके पहले रोजाना औसतन लगभग २० से ३० शासनादेश जारी होता था, लेकिन अब पिछले दो सप्ताह से यह आंकड़ा औसतन २५० हो गया है। कई बार तो यह आंकड़ा ३०० के पास पहुंच गया है।
मंत्रिमंडल की बैठक सप्ताह में दो बार
आचार संहिता के डर से एक सप्ताह में दो-दो बार मंत्रिमंडल की बैठकें हो रही हैं। सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ४० से अधिक पैâसले लिए गए हैं। दो दिन पहले मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अब आज शुक्रवार को फिर से मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है। आज भी लगभग १०० से अधिक पैâसले होने की संभावना है। विधायकों और मंत्रियों की भागदौड़ के बीच तमाम योजनाओं के पैâसले तो हो ही रहे हैं, इसमें महायुति के नेताओं को लाभ पहुंचाने वाले पैâसले भी हैं। कई पैâसले तो नियमों को दरकिनार करके लिए जा रहे हैं, जिस पर महाविकास आघाड़ी की ओर से तीखी आलोचना हो रही है।

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