सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में मिल मजदूरों और उनके उत्तराधिकारियों को उचित घर दिलाने के लिए मिल मजदूरों के सभी संगठन एकजुट होकर आगामी ६ मार्च को विधान भवन पर महामोर्चा निकालेंगे। यह मोर्चा विधान भवन सुबह ११ बजे पहुंचेगा। इस महामोर्चा में मिल मजदूरों की सात यूनियन भाग लेंगी। मिल मजदूर पिछले कई वर्षों से अपने वाजिब आवास से वंचित हैं। राज्य सरकार की योजना उन्हीं मिल मजदूरों को बाहर निकालने की है, जिन्होंने इस मुंबई को दुनियाभर में मशहूर किया है।
एक लाख से अधिक मजदूर हैं बेघर
एक लाख से ज्यादा मिल मजदूर बेघर हैं। दूसरी ओर, सरकार उद्योगपतियों को विशेष रियायतें देकर मुंबई में खुली जगह को दान की तरह वितरित कर रही है। इसी के विरोध में आगामी छह मार्च को महामोर्चा का आयोजन किया गया है।
बता दें कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक और यूनियन नेता सचिन अहिर के नेतृत्व में कई बार मिल मजूदरों ने अपनी समस्याओं को लेकर समय-समय पर मोर्चा निकाला है। सचिन अहिर ने मिल मजूदरों की समस्याओं, बंद मिलों को चालू करने, मिल मजदूरों के बकाया वेतन आदि विषयों को लेकर केंद्रीय श्रम मंत्री से भी मुलाकात की थी। मुंबई के मिल मजदरों की समस्या सालों से लटकी पड़ी हुई है। कितने मिल मजदूर मर गए, लेकिन उनको उनके अधिकार का घर नहीं मिला। इन सब बातों को ध्यान में रखकर अब यूनियन नेताओं ने आरपार की लड़ाई लड़ने की योजना तैयार की है। इसी के तहत ६ मार्च को सात यूनियन एकजुट होकर विधान भवन पर महामोर्चा निकालने का निर्णय लिया है।