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मार्वे-मनोरी पुल निर्माण को हरी झंडी … यात्रा होगी आसान …२९ की जगह रह जाएगा अब सिर्फ १.५ किमी का सफर

सामना संवाददाता / मुंबई
मार्वे और मनोरी के बीच का सफर करने वालों के लिए राहतभरी खबर है। मुंबई महानगरपालिका की प्रस्तावित मार्वे-मनोरी पुल परियोजना को महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) ने मंजूरी दे दी है। इस १.५ किमी लंबे पुल के निर्माण से यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा, जिससे क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।
फिलहाल, मार्वे और मनोरी के बीच सीधा कनेक्शन नहीं है। इसके लिए लगभग २९ किमी की दूरी तय करनी पड़ती है, जो ट्रैफिक के दौरान दो घंटे तक का समय ले लेती है। प्रस्तावित पुल से यह दूरी घटकर सिर्फ १.५ किमी रह जाएगी। पुल लगभग ४१० मीटर लंबा होगा। इसमें १०५ मीटर, २१० मीटर और १०५ मीटर की दूरी पर तीन स्तंभ होंगे।
पिछले वर्षों में मछुआरा समुदाय ने इस परियोजना का विरोध किया था, क्योंकि इससे उनकी आजीविका पर असर पड़ने की संभावना थी। फरवरी २०२४ में आयोजित जनसुनवाई में उनकी आपत्तियों और सुझावों पर चर्चा की गई। पुल की डिजाइन का चयन ऐसे तरीके से किया गया है, जिससे मैंग्रोव और पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।
पुल के निर्माण के लिए मार्वे गांव में ०.०२० हेक्टेयर वन क्षेत्र और ४५ मैंग्रोव पेड़ों को हटाने की अनुमति दी गई है। इसके बदले पालघर के विराथन बुद्रुक गांव में तीन गुना मैंग्रोव लगाए जाएंगे। साथ ही, निर्माण के दौरान निकलने वाले मलबे को वैज्ञानिक तरीके से निपटाया जाएगा। किसी भी कचरे को तटीय क्षेत्र पर नहीं फेंकने का आश्वासन दिया गया है।
परियोजना के निर्माण में तटीय क्षेत्र विनियम अधिसूचना, २०१९ और पर्यावरण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। हाई कोर्ट की अनुमति भी आवश्यक है, क्योंकि यह पुल मैंग्रोव और बफर जोन में आता है। निर्माण के दौरान हर तीन महीने में परियोजना की पर्यावरणीय निगरानी के लिए थर्ड पार्टी संस्थानों के एरियल रियलिटी मॉडल का उपयोग किया जाएगा।

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