सुनील ओसवाल / मुंबई
महायुति सरकार में शामिल मित्र दलों के प्रति भाजपा ने कड़ा रुख अपनाया है। पालक मंत्री का विवाद ऊपर से भले ही सुलझ जाने का दावा किया जा रहा हो, पर भाजपा इस मामले में कोई भी ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। चर्चा है कि अब मित्र दलों के पालक मंत्री एक तरह से ‘नजरबंद’ रहेंगे। दरअसल, उनके ऊपर भाजपा की नजर रहेगी। इसके तहत शिंदे व दादा के पालक मंत्रियों वाले क्षेत्र में भाजपा अपने संपर्क मंत्री नियुक्त कर रही है।
इससे साफ है कि तीन दलों से मिलकर बनी राज्य की महायुति सरकार में आपसी विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जहां भाजपा के पालक मंत्री नहीं हैं, वहां भाजपा द्वारा संपर्क मंत्री नियुक्त करने की खबर है। कहा जा रहा है कि शिंदे और अजीत गुट के पालक मंत्री वाले जिलों पर भाजपा ने नजर रखने के लिए ये पैâसला लिया है।
अजीत पवार पर रहेगी
पंकजा मुंडे की नजर!
भाजपा ने नियुक्त किए संपर्क मंत्री
शिंदे गुट व दादा गुट के मंत्रियों पर भाजपा के पालक मंत्री नजर रखेंगे। उप मुख्यमंत्री तथा बीड के पालक मंत्री अजीत पवार पर पंकजा मुंडे की नजर रहेगी। ऐसी ही नजर एकनाथ शिंदे पर मंत्री मंगल प्रभात लोढा रखेंगे। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट के साथ मिलकर सरकार चला रही है। लेकिन राज्य के जिन जिलों में शिंदे और अजीत गुट के पालक मंत्री हैं, उन जिलों में भाजपा ने संपर्क मंत्री नियुक्त किए हैं। यानी शिंदे और अजीत गुट के पालक मंत्री वाले १७ जिलों पर भाजपा के संपर्क मंत्रियों की पैनी नजर रहेगी। भाजपा ने प्रदेश के मंत्री मंगल प्रभात लोढा को मुंबई शहर का संपर्क मंत्री नियुक्त किया है, जबकि मुंबई के पालक मंत्री एकनाथ शिंदे हैं। राज्य के वन मंत्री गणेश नाईक को ठाणे का संपर्क मंत्री बनाया गया है।
दो बार करेंगे दौरा
बावनकुले ने कहा कि भाजपा के संपर्क मंत्रियों को हर महीने दो बार अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करना होगा। सरकार और पार्टी के संगठन में समन्वय बनाने के लिए संपर्क मंत्री बनाए गए हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं के कार्यों को पूरा करने के लिए संपर्क मंत्री नियुक्त किए गए हैं। यदि जरूरत पड़ी तो संबंधित जिले के संपर्क मंत्री स्थानीय नागरिकों की समस्याओं का समाधान भी करेंगे।