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गए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास! …रूस घूमने गए हिंदुस्थानी पर्यटकों को जबरन किया सेना में भर्ती

७ टूरिस्टों ने भारत सरकार से लगाई बचाने की गुहार
सामना संवाददाता / मुंबई
हिंदी की एक मशहूर कहावत है ‘आए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास’ तो आपने सुनी ही होगी। रूस घूमने गए कुछ हिंदुस्थानी पर्यटकों पर यह कहावत चरितार्थ हो रही है। वे वहां घूमने गए थे पर उन्हें जबरन पकड़कर रूसी सेना में भर्ती कर दिया गया। अब उन्होंने वहां से भारत सरकार को संदेश भेजकर बचाने की गुहार लगाई है।
मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब के होशियारपुर के रहनेवाले सात लोगों को जबरन रूसी सेना में भर्ती करने की चौंकानेवाली घटना सामने आई है। वे सभी पर्यटन के लिए रूस गए थे। सातों हिंदुस्थानियों ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि रूस ने दर्जनों हिंदुस्थानियों को धोखा दिया और उन्हें आर्मी में भर्ती करवा दिया है। इसके बाद उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने की ट्रेनिंग दी गई। उनका कहना है कि उन्हें कभी भी यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए भेजा जा सकता है। अचानक हुई इस घटना से इन पर्यटकों के मन में काफी डर बैठ गया है। इसलिए चिंतित पर्यटक अपने वतन लौटने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं।
पंजाब के सभी सातों पर्यटक नए साल का स्वागत करने के लिए रूस गए थे। उस समय उन्हें बेलारूसी पुलिस ने पकड़ लिया और सेना को सौंप दिया। उन्हें दस साल वैâद की सजा देने की भी धमकी दी गई है। बेलारूस में इन सात लोगों की गिरफ्तारी के बाद उनसे कुछ दस्तावेज जबरदस्ती ले लिए गए।
उन्हें यह चेतावनी भी दी गई है कि ‘हमारी सेना में शामिल हो जाओ, नहीं तो तुम्हें दस साल जेल में बिताने पड़ेंगे।’ इसके बाद ये सातों लोग अनजाने में रूस की निजी सेना वैगनर ग्रुप में शामिल हो गए। विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इन सातों लोगों ने एक वीडियो के जरिए पुरजोर अपील की है कि वे उनकी तुरंत मदद करें। इन सातों पर्यटकों में से एक गगनदीप बताता है कि वे नए साल में रूस घूमने आए थे। एक एजेंट ने उन्हें कई जगहों पर घुमाया। इसके बाद एजेंट ने कहा कि वो बेलारूस ले जाएगा। उन लोगों को नहीं पता था कि बेलारूस घूमने के लिए वीजा लगता है। इसके बाद एजेंट पैसा मांगने लगा। सभी लोगों ने जितने पैसे थे, एजेंट को दे दिए। इसके बाद बाकी पैसे न देने पर एजेंट ने उन हिंदुस्थानियों को हाईवे पर छोड़ दिया, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़कर रूस की आर्मी को दे दिया। इसके बाद जबरन रूसी सेना में भर्ती करने के बाद उन्हें यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए सैन्य प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद बलपूर्वक युद्ध के मोर्चे पर लड़ने के लिए भेजा जा रहा है। इन सातों लोगों ने रूस में चल रहे इस अत्याचार के खिलाफ १०५ सेकेंड का एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें ये सातों लोग एक गंदे कमरे में रहते नजर आ रहे हैं। इन सात लोगों में से गगनदीप सिंह इस वीडियो के जरिए अपनी कहानी बता रहे हैं, जबकि बाकी छह लोग घबराए हुए कमरे के एक कोने में खड़े नजर आ रहे हैं।

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