मुख्यपृष्ठनए समाचारहाथरस कांड में धोए जाएंगे हाथ ... योगी की कुर्सी खतरे में!

हाथरस कांड में धोए जाएंगे हाथ … योगी की कुर्सी खतरे में!

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
हाथरस कांड ने मोदी-शाह को बैठे बिठाए मौका दे दिया है। काफी पहले से मौके की तलाश में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह अब हिसाब बराबर करेंगे। चर्चा है कि इसी बहाने अब मोदी-शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी छीन सकते हैं। उल्लेखनीय है कि हाथरस में बाबा के सत्संग की १७ दिनों से तैयारी चल रही थी। २ जुलाई को होने वाले कार्यक्रम में २६ जून से ही मध्य प्रदेश राजस्थान और आसपास के राज्यों की तकरीबन ५०० बसें पहले ही पहुंच चुकी थीं। इसके बावजूद प्रशासन सोया रहा।
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से आए कमजोर नतीजों से भाजपा आलाकमान पहले से ही नाराज था। मोदी और शाह किसी भी हाल में उत्तर प्रदेश की हार का बदला लेना चाहते थे। इसी कवायद में उत्तर प्रदेश के नतीजों की समीक्षा के लिए कमिटी का गठन तक किया गया परंतु उसमें ऐसा कोई भी मुद्दा नहीं मिला, जिससे योगी आदित्यनाथ का पत्ता काटा जा सके। तब से लगातार भाजपा का केंद्रीय आलाकमान योगी की कमजोरियों की तलाश कर रहा था। बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा वाली कहावत चरितार्थ हुई और मोदी-शाह को बैठे-बिठाए योगी के खिलाफ एक प्रभावी मुद्दा मिल गया।
राजनैतिक पंडितों का मानना है कि इसी मुद्दे की आड़ में योगी से कुर्सी छीनी जा सकती है। गृहमंत्री अमित शाह लंबे अर्से से योगी का पत्ता साफ करने की फिराक में थे, पर मोदी की ओर से अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिल रहा था, परंतु जब से उत्तर प्रदेश में लोकसभा का परिणाम उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं आया, तब से मोदी भी योगी से नाराज बताए जा रहे थे। बहुत संभव है कि अब हाथरस कांड की नाकामयाबी के नाम पर योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मुहिम छिड़ जाए और उनकी जगह केशवप्रसाद मौर्य या अन्य किसी मनमाफिक विधायक को मुख्यमंत्री बना दिया जाए।

अन्य समाचार