मुख्यपृष्ठधर्म विशेषरोग हरेंगे, मालामाल करेंगे हनुमान

रोग हरेंगे, मालामाल करेंगे हनुमान

हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवी-देवताओं में से एक हैं। उनको प्रसन्न करने के कुछ खास उपाय किए जाएं तो वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं। श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी की कृपा प्राप्त होते ही भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। पैसों से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। कोई रोग हो तो वह भी नष्ट हो जाता है। इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह दोष हो तो भी पवनपुत्र की पूजा से वह दूर हो जाता है। ११ पीपल के पत्तों के खास उपाय से सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं। यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करता रहा है तो उसे हनुमानजी का प्रति मंगलवार या शनिवार को इस उपाय से पूजन करना चाहिए। निश्चित ही व्यक्ति की सभी समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं और व्यक्ति मालामाल हो सकता है।
सप्ताह के प्रति मंगलवार, शनिवार या फिर हनुमान जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इसके बाद नित्य कर्म से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से ११ पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए। इन ११ पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें। नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद श्रीराम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं। इस माला को किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें। इस प्रकार यह उपाय करते रहें। कुछ समय में ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। किसी व्यक्ति के रोगी होने पर उसके पहने हुए कपड़े में से धागा निकालकर रुई से बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती से शुद्ध घी का दीपक बनाकर हनुमानजी को लगाएं और `ॐ हनुमते नम:’ का जाप करें। हनुमान जयंती, अमावस्या, शनिवार, मंगलवार को यह प्रयोग करना चाहिए। इससे रोगी कुछ ही दिनों में स्वस्थ्य हो जाता है। यदि कोई व्यक्ति मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी का ध्यान और पूजन करता है तो उसे शनि के दोषों से किसी भी प्रकार का भय नहीं होता है। मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को बना हुआ मीठा पान भी चढ़ाया जा सकता हैं। हनुमानजी के लिए मीठा पान ही महत्वपूर्ण नैवैद्य माना जाता है। इससे कुंडली के ग्रह दोषों से शांति मिलती है। हनुमानजी के पूजन में सावधानियां बरतने की जरूरत है। हनुमानजी की पूजा-अर्चना और व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए अर्थात संयमपूर्वक रहना चाहिए। पूजा में चरणामृत का उपयोग न करें। शास्त्रों में इसका विधान नहीं है। जो प्रसाद हनुमान को चढ़ाया जाए वह शुद्ध होना चाहिए। दीपक और प्रसाद में शुद्ध घी का ही प्रयोग करें। हनुमानजी को लाल फूल प्रिय हैं। अत: पूजा में लाल फूल ही चढ़ाएं। मूर्ति को जल व पंचामृत से स्नान कराने के बाद सिंदूर में तिल का तेल मिलाकर उसको लगाना चाहिए। इससे वे प्रसन्न होते हैं। साधना हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ही शुरू करना चाहिए। हनुमानजी की पूजा रोज रात को करना चाहिए और स्त्री हो या पुरुष दोनों ही कुछ सामान्य नियमों का पालन करते हुए यह उपाय कर सकते हैं। बजरंग बली के पूजन में साफ-सफाई और पवित्रता का खास ध्यान रखना अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की अपवित्रता नहीं होना चाहिए। जब भी पूजा करें तब हमें मन से और तन से पवित्र होना चाहिए। पूजन के दौरान मन में गलत विचारों की ओर मन को भटकने न दें। यह कुछ सामान्य सावधानियां हैं, जो कि हनुमानजी का उपाय करते समय ध्यान रखनी चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस के अनुसार माता सीता द्वारा पवनपुत्र हनुमानजी को अमरता का वरदान दिया गया है। इसी वरदान के प्रभाव से इन्हें भी अष्टचिरंजीवी में शामिल है। इस युग में हनुमानजी की पूजा सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है।

शीतल अवस्थी

अन्य समाचार