संजय राऊत ने कहा कि हमारे हेलिकॉप्टर जांचे जाते हैं, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री एक समय में हेलिकॉप्टर में २०-२० बैग लदवाते और उतरवाते हैं। उसमें क्या कपड़े और अंडर गारमेंट्स हैं? उड़नदस्ता क्या चुनाव आयोग को नहीं दिखाई दे रहा है? मुख्यमंत्री, मंत्री, भाजपा नेताओं के बैंक खाते नहीं जांच किए जाते हैं, लेकिन महिलाओं के पर्स, छात्रों के बैग खोले जाते हैं। यह कौन सी जांच है? इस तरह का गुस्से भरा सवाल भी संजय राऊत ने पूछा।
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में फर्जी उड़नदस्ते की ओर से वसूली चल रही है। सड़कों पर गाड़ियों को रोककर महिलाओं और बच्चों के पर्स, बैगों की तलाशी लिए जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। इस तरह का जोरदार आरोप शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने लगाया है।
राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है। इसमें किसी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए चौक-चौराहों पर चुनाव आयोग की ओर से उड़नदस्तों को तैनात किया गया है। इसी में चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आ रही है कि फर्जी अधिकारियों की टीम घुस गई है और नाकाबंदी के नाम पर इन जालसाजों ने आम जनता की नाक में दम कर दिया है। नाकेबंदी में महिलाओं को टार्गेट करते हुए अकारण ही परेशान किए जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। इस फर्जी नाकाबंदी के खिलाफ जोरदार तरीके से गुस्सा जाहिर किया जा रहा है। इस पर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त करते हुए सांसद संजय राऊत ने कहा कि चुनाव में चौक-चौराहों पर किसी की भी गाड़ियों को रोका जा रहा है। जांच और उड़नदस्ते के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है। यह बहुत ही गंभीर मामला है। महिलाओं के पर्स, छात्रों के बैग खोलकर जांच किए जा रहे हैं। महिलाओं की दैनिक उपयोगी वस्तुओं की जांच करना, गाड़ी से सामान बाहर निकालना यह चुनाव आयोग का आदेश है क्या? ५०-५० खोके पर्स से पकड़े जाएंगे? इस तरह का सवाल संजय राऊत ने किया है।