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मेहनतकश: मेहनत ने बदली किस्मत!

सगीर अंसारी

हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव तो आते ही रहते हैं। ये तो हर किसी की जिंदगी का हिस्सा है। कुछ लोग हार मानकर परिस्थितियों को स्वीकार कर इसे अपनी किस्मत समझ लेते हैं तो कुछ इसे चुनौती मानकर अपने दम पर अपनी किस्मत को बदलने का पैâसला कर लेते हैं। आज हम ऐसे ही एक मेहनतकश शख्स की बात करनेवाले हैं, जिनका नाम है, साजिद खान। जिन्होंने तकलीफों के बावजूद भी अपनी तरक्की की उड़ान को धीमा नहीं होने दिया। साजिद खान के पिता मुनव्वर खान उत्तर प्रदेश के जिला आजमगढ़ के ढकवा गांव से १९७१ में मुंबई रोजी-रोटी की तलाश में आए थे और फिर गली-गली घूमकर कंधे पर कपड़ों का गठ्ठर लटकाए कपड़े बेचते थे और अपने बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए उन्हें विदेश भी भेजना चाहते थे। इसी दौरान साजिद खान ने १२वीं तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद कंप्यूटर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने दुबई चले गए। साजिद खान दुबई से अपना पूरा कारोबार बंद कर हिंदुस्थान चले आए। यहां आने के बाद परिवार के उज्जवल भविष्य के साथ-साथ देश के गरीबों का सहारा बनने का मन बनाया और `आम आदमी पार्टी’ के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेबाक राजनीति से प्रेरित होकर देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को रोकने में उनकी मदद का मन बनाया। वर्ष २०१३ में `आप’ से जुड़कर लोगों की सेवा के साथ मुंबई में आम आदमी पार्टी को बढ़ाने की जद्दोजहद शुरू कर दी। कोरोना महामारी के दौरान देश समेत मुंबई व गोवंडी क्षेत्र की हालत को देखते हुए बिना अपनी जिंदगी की परवाह किए वे लोगों के बीच गए। साजिद खान मानना था कि गोवंडी के रहिवासियों में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की तादाद ज्यादा थी और इनमें अप्रवासी मजदूर भी काफी तादाद में थे, जिनके लिए सबसे बड़ी समस्या दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना था, उन लोगों की इस समस्या को देखते हुए उन्होंने अपने साथियों की मदद से रोजाना १४ हजार लोगों को दिन में दोनों समय पाव-भाजी बांटी, जिससे इन अप्रवासी मजदूरों के खाने की समस्या दूर हुई। इसके अलावा जो लोग अपने परिवार के साथ रहते थे, उनके घरों में राशन की समस्या को देखते हुए तकरीबन २,६०० जरूरतमंद परिवारों के बीच कुल ३८ हजार राशन किट बांटी। चिपलून में आई आपदा में वहां के लोगों के लिए भी उन्होंने ३ हजार राशन की किट पहुंचाई थी। साजिद खान की नजर में उनके परिवार के साथ-साथ मुंबई भी उनका ही परिवार है। उनका कहना है कि आज देश में जाति-पांति और धर्म की राजनीति हो रही है। आज वे केवल `आप’ के ही सदस्य नहीं बल्कि `इंडिया’ गठबंधन के भी सदस्य हैं। हमेशा लोगों की मदद में तत्पर रहने वाले साजिद खान अपने दो बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ अपने भाइयों के परिवार का भी खास ख्याल रखते हैं।

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