मुख्यपृष्ठस्तंभमेहनतकश : जीवन में संघर्ष कर बनाया सामाजिक स्थान

मेहनतकश : जीवन में संघर्ष कर बनाया सामाजिक स्थान

अनिल मिश्र

बदलापुर में रहनेवाले हजारों उत्तर भारतीयों में से एक उत्तर भारतीय हैं रुद्रदत्त पांडे। खुद को हिंदूहृदयसम्राट माननीय शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे का कट्टर समर्थक और निष्ठावान शिवसैनिक माननेवाले रुद्रदत्त पांडे हमेशा गरीब, अनाथ और विधवा सहित सामाजिक हित के कार्यों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। संघर्षपूर्ण जीवन से संघर्ष करते हुए आज वे बदलापुर में अपना एक सामाजिक स्थान बना चुके हैं।
उल्हासनगर स्थित आरकेडी महाविद्यालय से कॉमर्स में स्नातक करनेवाले रुद्रदत्त पांडे कहते हैं कि दसवीं की परीक्षा के दौरान उन्होंने तुलसी कंपनी में ६० रुपए प्रतिदिन पर नौकरी की। नौकरी के दौरान रबर गैस कटिंग करनेवाली कंपनी एरिस के मालिक आतिश गुप्ता से उनकी मुलाकात बदलापुर एमआईडीसी में हुई। आतिश गुप्ता के माध्यम से वो मुंबई के प्रभादेवी इलाके में पहुंचे और यहां पहुंचने के बाद बैंक में लोगों का खाता खोलने का काम करने लगे। बैंक खाता खोलने का टारगेट देती थी। रात १२ बजे घर लौटनेवाले रुद्रदत्त पांडे बताते हैं कि टारगेट पूरा न होने पर तीन हजार की बजाय उन्हें सिर्फ दो हजार रुपए पगार मिलती थी। एचडीएफसी जैसे कई बैंकों में काम करनेवाले रुद्रदत्त पांडे ने आर्थिक परेशानियों के चलते कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। अंबरनाथ में एमआईडीसी, एचएसबीसी, कोडक एक्सिस जैसे कई बैंकों में उन्होंने लोगों के काफी खाते खुलवाए। खाता खोलते-खोलते एक दिन उनकी मुलाकात डायमंड मार्वेâट में काम करनेवाले मोफतलाल और पोपटलाल से हो गई। दोनों का डायमंड मार्वेâट में डायमंड का कारोबार था। एक घरेलू कार्यक्रम में चलने की बात बताकर वे दोनों रुद्रदत्त पांडे को एक अनाथाश्रम के कार्यक्रम में ले गए। अनाथ आश्रम पहुंचने के बाद पोपटलाल और मोफतलाल ने वहां अनाथ आश्रम में रहनेवालों की खूब सेवा की। अनाथ आश्रम में उन दोनों की सेवा को देखने के बाद रुद्रदत्त के मन में भी सेवा का भाव पैदा हो गया। इसके बाद रुद्रदत्त पांडे ने मुंबई की कई संस्थाओं में जाकर गरीब और जरूरत मंदों की सेवा की। इतना ही नहीं, नूतन लाइफ वेलफेयर एसोसिएशन की स्थापना कर बदलापुर में गरीबों के अलावा कोविड काल में सड़क पर भुखमरी के कगार पर पहुंचे आवारा कुत्तों को भी उन्होंने भोजन उपलब्ध करवाया। इसके साथ ही अनाथ आश्रम के बच्चों को शिक्षण सामग्री भी उन्होंने वितरित की। मानसून के दौरान आदिवासी पाड़ा में रहनेवाले लोगों को उन्होंने तालपत्री उपलब्ध करवाई, ताकि बरसात के मौसम में उनकी बरसात के पानी से हिफाजत हो सके। रुद्रदत्त पांडेय छह भाई हैं। रुद्रदत्त पांडे ने संकल्प लिया है कि वे अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा प्रदान कर उन्हें उच्च पद पर बिठाएंगे। रुद्रदत्त पांडेय शिवसेना के मुरबाड-बदलापुर विधानसभा के संगठक के पद पर काम कर चुके हैं। अपनी कमाई का एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों पर खर्च करनेवाले रुद्रदत्त पांडेय की बदलापुर में चाय, चप्पल और ब्यूटी पार्लर की दुकान है।

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