प्रेम यादव
पंकज दुबे का जन्म ३० जुलाई को उत्तर प्रदेश के ज्ञानपुर तहसील के छोटे से गांव सरपतहा में हुआ। साधारण परिवार में जन्मे पंकज की प्राथमिक पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई। इन्होंने अपनी १८ वर्ष की आयु तक अपने चाचा के साथ खेतों में काम किया, जिससे इन्हें न केवल खेती का अनुभव मिला, बल्कि जिम्मेदारी और परिश्रम का महत्व भी समझ में आया। बारहवीं तक की शिक्षा पूरी करने के बाद पंकज ने उच्च शिक्षा के लिए मुंबई के उपनगर भायंदर के अभिनव कॉलेज में दाखिला लिया। गांव से शहर आने और हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने के कारण शुरुआती दिनों में इन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से खुद को साबित किया। इसके बाद इन्होंने आईसीएफएआई से फाइनेंस में एमबीए की डिग्री प्राप्त की, जो इनकी मेहनत और लगन का प्रमाण था।
शिक्षा पूरी करने के बाद पंकज ने पहले कुछ वर्षों तक इन्होंने क्रेडिट कार्ड, ब्रॉडबैंड और टाटा टेलीकॉम जैसी विभिन्न कंपनियों में काम किया। इनकी योग्यता और अनुभव को देखते हुए इन्हें धीरे-धीरे नई जिम्मेदारियां मिलने लगीं। इसी दौरान इन्होंने यह अनुभव किया कि इनका असली झुकाव मीडिया और जनसंपर्क की ओर है। अपनी रुचि को करियर में बदलने के संकल्प के साथ पंकज ने खुद को मीडिया और जनसंपर्क क्षेत्र में स्थापित करने की ठानी। कड़ी मेहनत और अपने विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के बल पर पंकज ने पीआर फर्म ‘इम्पैक्ट’ में सीनियर न्यूज एनालिस्ट का पद हासिल किया। यहां इन्होंने अपनी सूझबूझ और संवाद कौशल से खुद को साबित किया और अपनी अलग पहचान बनाई। पंकज ‘समय भास्कर’ के रिपोर्टर के रूप में भी कार्यरत हैं, जहां ये मीरा-भायंदर क्षेत्र की खबरों को जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
पंकज का निजी जीवन भी इनके मूल्यों का एक उदाहरण है। ये भायंदर में अपने संयुक्त परिवार के साथ रहते हैंै। इनके छोटे भाई का भी फर्म में एक महत्वपूर्ण योगदान है और इनके पिता का खुद का व्यवसाय है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे का सहयोग करते हैं। पारिवारिक एकता और सहयोग ने पंकज को अपने करियर में आगे बढ़ने में सहायता की है। परिवार के समर्थन के साथ पंकज का मानना है कि दोस्त भी इनके जीवन के अहम हिस्से हैं। इन्होंने अपने दोस्तों से मिले सहयोग और प्रेरणा का हमेशा सम्मान किया है, जिन्होंने मुश्किल समय में इन्हें संभाला और प्रोत्साहित किया।