मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनामेहनतकश: परिवार के साथ निभा रहे हैं सामाजिक जिम्मेदारी

मेहनतकश: परिवार के साथ निभा रहे हैं सामाजिक जिम्मेदारी

अनिल मिश्र

तमाम पर्यावरण प्रेमियों के बीच उल्हासनगर में एक ऐसे भी पर्यावरण प्रेमी त्रिभुवन सूबेदार सिंह रहते हैं, जो पर्यावरण के साथ-साथ परिवार और समाज की सेवा भी कर रहे हैं। उत्तर भारतीय समाज में अच्छी पैठ रखनेवाले त्रिभुवन सिंह ने उल्हासनगर के आरकेटी महाविद्यालय से बी. कॉम की पढ़ाई की। कल्याण में जन्मे त्रिभुवन के पिता सूबेदार सिंह सेंचुरी रेयान में काम करते थे। सामान्य परिवार में जन्मे त्रिभुवन सिंह पढ़ाई करने के बाद आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए रिक्शा चलाने लगे। इसके बाद ‘त्रिमूर्ति मोटर्स’ नामक एक फाइनेंस संस्था खोलकर वो मोटरसाइकिल और ऑटोरिक्शा दिलाने लग गए। इस कार्य के माध्यम से उन्होंने एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों लोगों को जो आर्थिक रूप से कमजोर थे, उनकी मदद कर उन्हें रोजी-रोटी दिलवाई। इतना ही नहीं, बेटे को बीएससी के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करवाई और आज बेटा नौकरी पर लग गया है। बी. काम की पढ़ाई और डिजीटल मार्वेâटिंग का कोर्स कर बेटी वर्वâ प्रâॉम होम यानी घर से काम कर रही है। पिता और भाई की मौत ने त्रिभुवन सिंह को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद त्रिभुवन सिंह गांव चले गए, लेकिन परिवार और समाज की जिम्मेदारियों को निभाने की खातिर पुन: उल्हासनगर आ गए। ‘अरिहंत फाउंडेशन’ नामक सामाजिक संस्था के मार्पâत उन्होंने उल्हासनगर परिसर में एक हजार पेड़ लगाने का संकल्प लिया और उस संकल्प को पूरा भी किया। आज उनके द्वारा लगाए गए एक हजार पेड़ों में से पांच सौ पेड़ सकुशल हैं। सूखे पांच सौ पेड़ों की जगह नए पेड़ों को लगाने का नियोजन शुरू है। अपने भाई के परिवार की भी देखरेख कर रहे त्रिभुवन सिंह अपने पैतृक गांव में भी वृक्षारोपण का अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं। वृक्षारोपण का मकसद बढ़ते तापमान से भविष्य में लोगों को बचाना है। त्रिभुवन सिंह बताते हैं कि फाउंडेशन के मार्पâत वे स्वास्थ्य परीक्षण, दवा वितरण, जरूरतमंद लोगों को वस्त्र, चार्जिंग लाइट का वितरण कर चुके हैं। त्रिभुवन सिंह बताते हैं कि परिवार की शांति के लिए वे हमलोक अपार्टमेंट में रहने आए, लेकिन अपार्टमेंट को अति दुर्घटनाग्रस्त बताकर मनपा ने तोड़ दिया। घर टूट जाने के बाद घर से बेघर होने जैसी परिस्थिति सामने आ गई। अंबरनाथ में भाड़े पर घर लिया। अब हमलोक का घर कब बनेगा उसके इंतजार में हैं, ताकि खुद का मकान हो। मां के साथ ही परिवार की देखभाल करनेवाले त्रिभुवन सिंह के दोनों बच्चों ने घर की जिम्मेदारी संभाल ली है। फक्कड़ मंडली परिसर स्थित हनुमान मंदिर में तरह-तरह के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सामाजिक जिम्मेदारी को निभाया जाता है। समाज में शादी-ब्याह जैसे कार्य को बखूबी निभाते आ रहे त्रिभुवन सिंह गरीब विद्यार्थियों को जो फीस देने में असमर्थ हैं, उनको महंगी फीस से राहत दिलाते हैं। विद्यार्थियों के लिए पाठ्य पुस्तकों की भी व्यवस्था करवाते हैं। विधवा महिलाओं को सरकारी सुविधा मुहैया करवाने में प्रयासरत रहनेवाले त्रिभुवन सिंह एक बेहतरीन अभिभावक के साथ ही अच्छे समाजसेवी और धार्मिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति हैं।

अन्य समाचार