मुख्यपृष्ठस्तंभमेहनतकश : अपनी छवि को रखना चाहते हैं बरकरार

मेहनतकश : अपनी छवि को रखना चाहते हैं बरकरार

प्रेम यादव

एक साधारण से शिक्षित परिवार में जन्म लेकर पत्रकारिता और राजनीति का सफर बहुत कुछ सिखा रहा है, ऐसा कहना है वेस्टर्न वॉलिंटियर वेबसाइट के निदेशक रणवीर वाजपेयी का। ३८ वर्ष की युवा अवस्था में संघर्षमय जीवन और जीवन में उतार-चढ़ाव के बाद भी स्वामी विवेकानंद को आदर्श मानकर कार्य में लगे रहनेवाले रणवीर वाजपेयी की स्कूली शिक्षा सेंट लॉरेंस स्कूल और स्नातक की शिक्षा बर्फीवाला कॉलेज, अंधेरी (प.) से हुई। माता-पिता, भाई-भाभी, पत्नी और दो बच्चों के साथ मीरा रोड में १७ साल से रहनेवाले रणवीर वाजपेयी वेस्टर्न वॉलिंटियर मैगजीन की वेबसाइट चलाते हैं। अंधेरी के लोखंडवाला से जीवन शुरू करके दिल्ली के लुटियन जोन में काम करने के बाद ढेर सारा अनुभव प्राप्त करके मीरा रोड में उन्होंने अपना कारोबार स्थापित किया और यहीं से अपनी जिंदगी की नई इबारत लिखने की शुरुआत की।
रणवीर वाजपेयी बताते हैं कि मेरे पिताजी इलेक्ट्रिक ठेकेदार का कार्य करते थे। कम उम्र से ही मैं उनका सहयोग करता था। ऑर्डर लाने और बिलिंग करने के अलावा बिजनेस में नई-नई तकनीकी लाकर व्यवसाय को बढ़ाने का प्रयास करता था, लेकिन मन में हमेशा कुछ नया और कुछ बड़ा करने की कोशिश में लगा रहता था। हमेशा कुछ नया सोचता और उसे करने का प्रयास करता था, इसलिए मैंने उस काम को एक मुकाम पर पहुंचाने के बाद छोड़ दिया और अब उसे मेरे बड़े भाई संभालते हैं। उसके बाद मैंने पत्रकारिता की ओर रुख किया। दिल्ली में रहकर वेस्टर्न वॉलिंटियर नामक पॉकेट मैगजीन की शुरुआत की। दिल्ली के लुटियन जोन में कई सांसद, मंत्रियों से मित्रता हुई। नितिन गडकरी के व्यक्तित्व का मेरे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा। मेहनत करना और करते रहना, एक पड़ाव पार तो दूसरा लक्ष्य निर्धारित करके उसके पीछे लग जाना इसे ही जीवन का मूलमंत्र बनाया। अच्छी छवि और उसे बरकरार रखने का एकमात्र मकसद मन में लिए पत्रकारिता करते हुए मैं कई राजनीतिक लोगों के करीब आ गया। मन यह विचार आया कि जनता की सेवा करने के लिए राजनीति को भी माध्यम बनाया जा सकता है। हालांकि, राजनीतिक सफर बहुत मुश्किल था, पार्टी में जिला प्रवक्ता की भूमिका निभाने के बाद अब युवा का महामंत्री बनाया गया है। हालांकि, समाज सेवा के लिए रॉयल कॉप्लेक्स पूनम सागर संस्था निर्माण की ओर से पिछले १७ सालों से हर वर्ष होलिका दहन, दही हंडी, नवरात्रि, गणेशोत्सव, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे कार्यक्रम लगातार करने लगा। कोविड के दौरान आपातकालीन स्थिति में कई परिवारों को मदद पहुंचाई, सब्जी से लेकर राशन वितरण किया। घरेलू सामानों सहित दवाई का वितरण किया। कई बुजुर्गों और महिलाओं को वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचाने में मदद पहुंचाई। मुंह पर मास्क लगाए दिनभर लोगों की मदद करते रहना एकमात्र मकसद था और लोगों को इसका लाभ भी हुआ। सामाजिक कार्य करते हुए कई बार आंदोलन करने वाले रणवीर वाजपेयी का मानना है कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है।

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