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हरियाणा मॉब लिंचिंग … लैब रिपोर्ट में नहीं निकला बीफ …हरियाणा की कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

सामना संवाददाता / चंडीगढ़
हरियाणा मॉब लिंचिंग केस में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल के जिस प्रवासी श्रमिक को गोमांस खाने के शक में कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला गया था। दरअसल, वह बीफ नहीं खा रहा था। लैब में किए गए टेस्ट के बाद यह बात सामने आई है कि वह गोमांस नहीं था। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। चरखी दादरी जिले के हंसावास खुर्द गांव में झुग्गी में रहने वाले साबिर मलिक की हत्या के सिलसिले में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद फिर से भाजपा शासित राज्यों में गो माता के नाम पर पीट-पीट कर मार देने वाली घटनाओं को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। बता दें कि गोमांस खाने का संदेह होने पर आरोपियों ने २७ अगस्त को कथित तौर पर पीड़ित को खाली प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान पर बुलाया और फिर उसकी पिटाई की। जब कुछ लोगों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो वे कथित तौर पर उसे दूसरी जगह ले गए और फिर दोबारा से वहां उसकी पिटाई की। इस बारे में बाढड़ा (चरखी दादरी) के पुलिस उपाधीक्षक भारत भूषण ने बताया कि झुग्गी से मांस का नमूना लेकर उसे जांच के लिए फरीदाबाद की प्रयोगशाला में भेजा गया। हमें रिपोर्ट मिल गई है, जिससे पुष्टि हो गई है कि वह गोमांस नहीं था। उन्होंने बताया कि जल्द ही हम रिपोर्ट के साथ अदालत में चालान पेश करेंगे। लैब की रिपोर्ट के बाद इस मामले में बड़ा ट्विस्ट आ गया है।

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