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हाथरस हादसा : यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था बीमार … डॉक्टर नहीं होने से गई पीड़ितों की जान!

– अस्पताल में लगे रहे शवों के ढेर
– इलाज बिना बढ़ा मौतों का आंकड़ा
मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर एक और धब्बा लग गया। हाथरस के रतिभानपुर में भोले बाबा के सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मच गई। सूत्रों की मानें तो इस घटना में तकरीबन १३४ लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। हाथरस में हुए इस भीषण हादसे ने एक बार फिर से यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। हादसे से यह बात तो साफ है कि योगी के राज में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बीमार है, जहां तड़पते-मरते लोगों का इलाज करने के लिए डॉक्टर ही उपलब्ध नहीं हैं। हादसे के बाद अस्पताल के बाहर और अंदर काफी संख्या में शव रखे हुए देखे गए हैं। ट्रॉमा सेंटर सिकंदराराऊ के बाहर स्थानीय विनीत कुमार ने दावा किया कि उन्होंने यहां अपने हाथ से शवों की गिनती की है। इसमें चार बच्चे भी शामिल हैं, वहीं भीड़ में खड़े लोगों ने दावा किया कि यहां पर डॉक्टर न होने की वजह से भी कई लोगों की जान चली गई है।
गौरतलब है कि डीएम हाथरस आशीष पटेल ने बताया कि सत्संग के अंत में ज्यादा उमस के कारण यह घटना हुई है। घायलों को निकालकर अस्पताल भेजा गया है। स्थानीय लोगों और चश्मदीदों के अनुसार, मरनेवालों का आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि अस्पताल में लगातार घायलों को एटा, अलीगढ़ और आगरा मेडिकल लाया जा रहा है। एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, तभी भगदड़ मची। अकेले एटा के अस्पताल में अब तक ३० शव मिले हैं, जिनमें २५ महिलाएं, ३ बच्चे और २ व्यक्ति के शव मिले हैं। घायलों को अस्पताल में इलाज दिया जा रहा है। कुछ को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया, जबकि कुछ लोगों को इलाज के बाद घर भेज दिया गया। इन शवों की पहचान की जा रही है।
इस घटना पर संज्ञान लेते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री ऑफिस ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। एक घायल महिला ने बताया कि हम दर्शन करने आए थे। बहुत भीड़ थी, जब भगदड़ मची तो मैं और मेरा बच्चा भी भीड़ के नीचे आ गया। एक युवती ने बताया कि हम लोग खेत की ओर से निकल रहे थे, तभी अचानक भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे कई लोगों के नीचे दब गए।

डेडबॉडी देख सिपाही को आया हार्ट अटैक
बता दें कि हाथरस हादसे के बाद क्यूआरटी की ड्यूटी में तैनात सिपाही की पहचान अलीगढ़ के रहने वाले रवि के रूप में हुई है। सिपाही रवि यादव की ड्यूटी शवों की व्यवस्था में लगाई गई थी। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर जगदीश चंद्र मौर्य ने बताया कि कि सिपाही रवि यादव की ड्यूटी हाथरस के हादसे में मृतकों के शवों की व्यवस्था में लगाई गई थी। ड्यूटी के दौरान ही उन्हें हार्ट अटैक आ गया।

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