सामना संवाददाता / मुंबई
एक मामले की सुनवाई करते हुए मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा कि अगर पत्नी नाबालिग है और उसकी सहमति से पति शारीरिक संबंध बनाता है, तो इसे भी रेप माना जाएगा। इसमें आरोपी के खिलाफ रेप का मामला भी दर्ज किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नाबालिग पत्नी के साथ रेप के आरोपी की १० साल की सजा को बरकरार रखा। इस बारे में दोषी का तर्क था कि पीड़िता की सहमति के बाद ही यौन संबंध बनाए थे। उस समय वह उसकी पत्नी थी। ऐसे में इसे रेप नहीं कहा जा सकता, लेकिन जस्टिस गोविंद सनप की बेंच ने उसकी इस दलील को खारिज कर दिया। बता दें कि मामला महाराष्ट्र के वर्धा जिले का है, जहां नाबालिग ३१ हफ्ते की गर्भवती थी। पीड़ित का कहना था कि उसके और आरोपी के बीच अफेयर था लेकिन आरोपी ने उसके साथ शादी का झूठा वादा कर कई बार जबरन शारीरिक संबंध बनाए। लड़की के प्रेग्नेंट होने के बाद पीड़िता ने शख्स से शादी करने के लिए कहा, लेकिन पड़ोसियों की मौजूदगी में नकली शादी की और विश्वास दिलाया कि वह उसकी पत्नी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद युवक ने पीड़िता पर अबॉर्शन के लिए दबाव बनाया। जब उसने मना कर दिया तो उसके साथ मारपीट की। इसके बाद पीड़िता अपने माता-पिता के घर चली गई।