मुख्यपृष्ठनए समाचारटोरेस ज्वेलरी पोंजी स्कीम के हवाला ऑपरेटर ... तीन महीने में २००...

टोरेस ज्वेलरी पोंजी स्कीम के हवाला ऑपरेटर … तीन महीने में २०० करोड़ भेजे विदेश! … पुलिस ने किया आरोपी को गिरफ्तार

सामना संवाददाता / मुंबई
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने शुक्रवार को चर्नी रोड से हवाला ऑपरेटर को गिरफ्तार किया है, जो टोरेस ज्वेलरी पोंजी स्कीम से जुड़ा हुआ था। इस घोटाले में हजारों निवेशकों से करोड़ों रुपए ठगे गए हैं। यह घोटाला यूक्रेनी नागरिकों द्वारा चलाया गया था, जिन्होंने ज्वेलरी शॉप्स का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया और पैसे को अलग-अलग जगहों पर भेजा।
चार्टर्ड एकाउंटेंट अभिषेक गुप्ता ने दावा किया कि आरोपी ने पिछले तीन महीनों में कम से कम २०० करोड़ रुपए भारत से बाहर भेजे। गुप्ता ने पहले जांच एजेंसियों को इस घोटाले की जानकारी दी थी। गुप्ता के मुताबिक, आरोपी ने हवाला के जरिए यह राशि विदेश भेजी थी, जिसमें यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) का भी इस्तेमाल किया गया था। आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। इस पर हवाला के जरिए पैसे भेजने में मदद करने का आरोप है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया और उसने अपने लेन-देन के रिकॉर्ड भी नष्ट कर दिए। आरोपी को २१ जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। ईओडब्लू ने ६.७४ करोड़ रुपए की नकदी और ४.८३ करोड़ रुपए की ज्वेलरी जब्त की है। इससे कुल बरामदगी १५.८४ करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। पुलिस अधिकारी के अनुसार, अब तक ५,२८९ शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं, जिनमें कुल ८४ करोड़ रुपए के नुकसान का दावा किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता शशिकांत कावले ने नवंबर २०२४ में टोरेस ज्वेलरी की धोखाधड़ी की चेतावनी दी थी, लेकिन अधिकारियों ने समय पर कार्रवाई नहीं की।
कावले ने अब गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एफआईआर में यह भी खुलासा हुआ है कि टोरेस ज्वेलरी ने मुंबई में छह स्टोर चलाए थे और करीब १.२५ लाख निवेशकों से ६ फीसदी साप्ताहिक रिटर्न का वादा किया था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि कंपनी के पास भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का वैध लाइसेंस नहीं था और वह मनी-लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में भी संलिप्त थी।

अन्य समाचार