कचरा जलाने से होने वाले धुएं से पैâल रहा है प्रदूषण
सांस की बीमारी से लोग हो रहे हैं त्रस्त
सामना संवाददाता / मुंब्रा
ठाणे महानगरपालिका अंतर्गत मुंब्रा शहर में कचरा डंप करने की जगह न होने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में जहां कचरा डंप किया जाता था। वहां आए दिन स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। मुंब्रा का कचरा उठाने का काम जब से प्राइवेट कंपनी को दिया गया है, आए दिन उसकी शिकायत होती रहती है कि मनपा ने बिल का भुगतान नहीं किया है, इसलिए मुंब्रा की कचरा उठाने की गाड़ी को रोक दिया जाता है। जिसके कारण आम नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जनता की इन समस्याओं को देखते हुए स्थानीय विधायक आमदार जितेंद्र अव्हाड ने एक्स एकाउंट (ट्विटर) पर शिकायत लिख कर उसे ठाणे मनपा और राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी भेजा है। विधायक जितेंद्र आव्हाड ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा है कि ठाणे मनपा के पास पूरे क्षेत्र में कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं है, इसलिए कचरे को कलवा में खारीनगांव और पारसिक नगर की सीमा पर राजमार्ग के किनारे जलाया जा रहा है। इस कचरे को जलाने से ठाणे के बालकुम सहित खारीनगांव, पारसिक नगर के निवासियों को भारी दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कचरे के ढेर से निकलने वाले धुएं से हवा में जहर भर रहा है और इससे नागरिकों को सांस संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी तरह का डंपिंग का मामला कुछ साल पहले मुलुंड चेक नाका के पास हुई थी। उस समय मैंने स्वयं उक्त स्थान से कचरे से भरा डंपर ले जाकर मुंबई मनपा के गेट के सामने गिरा दिया था और उस आंदोलन के बाद मुलुंड चेक नाका के पास डंपिंग बंद कर दी गई थी, इस मुद्दे को कई बार ठाणे मनपा और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संज्ञान में लाने के बाद भी न कोई कार्रवाई की जा रही है और उपाय न कोई नहीं किए जा रहे हैं। अत: इस संबंध में नागरिकों में प्रशासन के प्रति तीव्र असंतोष व्याप्त है। हालांकि, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ठाणे मनपा को कुछ निर्देश दिए हैं, लेकिन ठाणे मनपा ने इस संबंध में कोई कार्रवाई या उपाय नहीं किया है। इसलिए, खारीनगांव, पारसिक नगर, बाल्कुम के नागरिकों की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए ठाणे मनपा के साथ-साथ राज्य सरकार भी पूरी तरह से जिम्मेदार है।