सामना संवाददाता / मुंबई
रेलवे के बाद मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन ‘बेस्ट’ के वित्तीय संकट में होते हुए मदद देने से इनकार करनेवाली मनपा ‘एमएमआरडी’ को आर्थिक तौर पर मदद कर रही है। एक तरफ जहां यात्रियों की संख्या बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बसों की संख्या को बढ़ाने में मनपा अनदेखी कर रही है। कर्मचारियों का करोड़ों रुपया बकाया किया जा रहा है। इसीलिए ‘घाती’ सरकार के दो सालों के कार्यकाल में ‘बेस्ट’ बस सेवा लड़खड़ा गई है। इसलिए ‘घाती’ सरकार ‘बेस्ट’ सेवा करे खत्म करके उसे ठेकेदार मित्रों की झोली में डालने की साजिश की जा रही है क्या? इस तरह का सवाल शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने खड़ा किया है।
‘बेस्ट’ की खराब हालत को लेकर आदित्य ठाकरे ने मनपा आयुक्त प्रशासक भूषण गगरानी के सामने अहम सवाल उठाए हैं। शिवसेना के माध्यम से हमारे नेतृत्व से मुंबई में प्रदूषण टालने और र्इंधन बचत के लिए इलेक्ट्रिक बस उपक्रम शुरू किए जाने से हमें संतुष्टि मिली है। इस तरह की बातें आदित्य ठाकरे ने आयुक्त को दिए गए पत्र में कही हैं। हालांकि घाती सरकार के कार्यकाल में दो वर्षों के दौरान ‘बेस्ट’ की इलेक्ट्रिक बसों की संख्या जरूरत के मुताबिक नहीं बढ़ी। इस बात को भी आदित्य ठाकरे ने संज्ञान में लाए है। उन्होंने कहा है कि संदेह है कि प्रशासन द्वारा जानबूझकर इस तरह का काम किया जा रहा है। उन्होंने इससे मुंबईकरों की जीवनरेखा और गौरव ‘बेस्ट’ सेवा के डगमगाने की आशंका भी जताई है।
यह हैं मांगें
‘बेस्ट’ को मनपा वित्तीय सहायता दे। ‘बेस्ट’ में किराया वृद्धि न की जाए, कर्मचारियों को समय पर वेतन, पेंशन मिले, बसों की संख्या को तत्काल बढ़ाए जाए, ‘बेस्ट’ को वित्तीय संकट से बाहर निकालें।
रेसकोर्स की १२० एकड़ जमीन का कब्जा मनपा को मिला..
महालक्ष्मी स्थित रेसकोर्स की १२० एकड़ जमीन का कब्जा आखिरकार मुंबई मनपा को मिल चुका है। इस जगह पर मुंबईकरों के लिए सेंट्रल पार्क, गार्डन और खुली जगह मिलने का रास्ता साफ हो गया है। रेसकोर्स की खाली जगह को ठेकेदार मित्रों-बिल्डरों के गले में डालने की ‘घाती’ सरकार की साजिश का पर्दाफाश शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख, विधायक आदित्य ठाकरे ने किया था। आदित्य ठाकरे के प्रयत्न को सफलता मिली है और राज्य सरकार ने आखिरकार यह जगह मनपा को देने का निर्णय लिया है।
महालक्ष्मी रेसकोर्स की २२६ एकड़ जमीन को असंवैधानिक मुख्यमंत्री अपने बिल्डर मित्रों को अतिरिक्त ‘एफएसआई’ देकर उनके गले में डालनेवाले थे। असंवैधानिक मुख्यमंत्री की इस साजिश का आदित्य ठाकरे ने पर्दाफाश किया था। आदित्य ठाकरे ने खुलासा करते हुए कहा था कि मुंबईकरों को विश्वास में लिए बिना मनपा आयुक्त के जरिए और रॉयल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब के कुछ सदस्यों को धमकाकर और दबाव डालकर महालक्ष्मी रेसकोर्स की खाली जमीन बिल्डरों को देने की साजिश चल रही हैं।
ऐसा है मामला
रणनीतिक रूप से दक्षिण मुंबई स्थित महालक्ष्मी में रेसकोर्स की कुल २११ एकड़ भूमि १९१४ में रॉयल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब को किराए पर दी गई थी। यह किराए का करार २०१३ में समाप्त कर दिया गया था। लेकिन करार न बढाने के कारण अवधि की समाप्ति के बाद इस जमीन में से १२० एकड़ जमीन राज्य सरकार के माध्यम से मनपा को सौंपने की मंजूरी दे दी गई है। शेष ९१ एकड़ भूमि आरडब्ल्यूआईटीसी को किराए पर दी जाएगी।