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हाय राम; ३५ फीसदी तक बढ़े दवाओं के दाम! … मोदी सरकार ने दी महंगी दवाओं की गारंटी

धीरेंद्र उपाध्याय/ मुंबई
गर्मी के दिनों में मरीजों को दोहरी तकलीफ मिल रही है। राशन और सब्जी जैसी घर गृहस्थी की अन्य वस्तुओं पर तो महंगाई का असर पहले से ही था, अब दवाओं के दाम भी बढ़ने लगे हैं। बुखार, दर्द और पेट से जुड़े रोगों समेत अन्य बीमारियों की कई दवाएं ३५ फीसदी तक महंगी हो गई हैं। इसकी वजह से मरीजों को इलाज कराने में जेब ढीली करनी पड़ रही है, वहीं प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर सभी प्रकार की दवाएं न होने से मरीजों को महंगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। इस समय चुनाव प्रचार में मोदी गारंटी देते फिर रहे हैं। ऐसे में महंगी दवाओं को लेकर अब लोग कह रहे हैं कि यही मोदी की असली गारंटी है।
उल्लेखनीय है कि दवा की कई कंपनियों ने दवाओं के दामों में इजाफा किया है। बुखार, सूजन, दर्द निवारक, खांसी के सीरप और ताकत के इंजेक्शन जैसी कई सामान्य दवाएं एक महीने के अंदर ३५ फीसदी महंगी हुई हैं। खास बात यह है कि इस वक्त अस्पतालों में मरीज बढ़े हैं। हीटवेव के शिकार होने के बाद बुखार और डायरिया जैसे रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। ऐसे में दवाओं के दाम बढ़ने से रोगियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
ठाणे के नागरिक संतोष विश्वकर्मा ने कहा कि सब्जी आदि के दाम तो पहले से ही आसमान पर थे, लेकिन अब दवाएं भी महंगी होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री औषधि केंद्रों पर सभी दवाएं नहीं मिलती हैं। इस कारण नामचीन कंपनियों की दवाएं ही खरीदनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि कम से कम दवाओं के दामों पर तो नियंत्रण होना ही चाहिए। इनके दाम बढ़ते गए तो इलाज कराना मुश्किल हो जाएगा।

केंद्र सरकार तय करती है कीमतें
एफडीए अधिकारियों के मुताबिक दवाओं की कीमतें केंद्र से तय होती हैं। महाराष्ट्र में तय कीमत से ज्यादा पर दवाओं की बिक्री नहीं हो रही है। हालांकि, शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की जाती है। इतना ही नहीं, अगर दवाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है तो उन दोषी कंपनियों के ऊपर कई बार कार्रवाई की जा चुकी है।

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