-लाखों में बिकते हैं, घंटों तक उड़ते हैं और फिर बाज का निवाला बन जाते हैं लाचार पक्षी
-केंद्र और राज्य सरकारों को इस अमानवीय कृत्य की सुध नहीं
फिरोज खान / मुंबई
मुंबई में कबूतरों की सट्टेबाजी का घिनौना खेल खेला जा रहा है। सट्टेबाजी के चक्कर में लाचार कबूतरों को घंटों तक आसमान पर उड़ने के लिए मजबूतर किया जाता है। इस अमानवीय शौक के चलते कई कबूतर आसमान में बाज का शिकार बन जाते हैं। सट्टेबाजी के लिए कबूतरों की तस्करी दुश्मन देश पाकिस्तान से की जाती है, पर केंद्र और राज्य सरकारों को इसकी सुध नहीं है। टैडी प्रजाति के कबूतरों को पाकिस्तान-दुबई-बांग्लादेश के रास्ते मुंबई में तस्करी कर के लाया जाता है। इन कबूतरों के लाखों रुपए में खरीद-फरोख्त का व्यापार चल रहा है। इन दिनों मुंबई के अंधेरी, बांद्रा, दहिसर आदि इलाकों में कबूतरों की सट्टेबाजी चल रही है। कबूतरों की रेस लगाने के लिए मुंबई और महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों से कबूतरों के शौकीन सक्रिय हैं। यह खेल इमारतों की छत से सुबह ६ बजे से शुरू होता है।
पैरों में नंबर पंखों पर स्टैंप
सट्टेबाजी में शामिल कबूतरों की पहचान!
३ से ५ हजार रुपए से सट्टेबाजी की होती है शुरूआत
मुंबई में पाकिस्तानी कबूतरों पर सट्टेबाजी का खेल चल रहा है। ये कबूतर दुबई और बांग्लादेश के रास्ते मुंबई लाए जाते हैं। आश्चर्य की बात है कि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं है। सट्टेबाजी की शुरुआत करने से पहले कबूतरों के पंखों पर स्टैंप लगाया जाता है। उनके पैरों में नंबर डालकर प्लास्टिक की रिंगें डाली जाती हैं, ताकि पहचान हो सके कि कौन-सा कबूतर किसका है।
कबूतरों की सट्टेबाजी में हार-जीत का पैâसला कबूतरों के घंटों आसामान में उड़ने पर किया जाता है। जिसका कबूतर सबसे ज्यादा समय तक आसामान में उड़ेगा, उसे विनर बनाया जाता है। विजेता को मोटी रकम मिलती है। सट्टेबाजी में एंट्री फीस ३ हजार से ५ हजार के बीच होती है।
बताया जाता है कि पाकिस्तान के टैडी प्रजाति के कबूतरों की आसमान में घंटों उड़ने की क्षमता होती है इसलिए हिंदुस्थान में इसकी डिमांड ज्यादा है। नाम न छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि पाकिस्तानी कबूतरों की तस्करी पाकिस्तान से दुबई और वहां से बांग्लादेश के रास्ते हिंदुस्थान लाए जाते हैं।
सहारनपुरी और
इलाहाबादी की डिमांड
पाकिस्तानी कबूतरों के अलावा सहारनपुरी, रामपुरी, शहजान पुरी और इलाहाबादी नाम के कबूतरों की काफी डिमांड है। ये कबूतर ३० हजार से ५० हजार रुपए के बीच बेचे जाते हैं। इसका सबसे अफसोसजनक पहलुु यह है कि घंटों आसमान में उड़नेवाले कबूतरों को अक्सर बाज अपना निवाला बना लेते हैं।