सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव में महायुति को जीत दिलाने वाले मतों की गड़बड़ी पर सोमवार को हाई कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को जोरदार फटकार लगाई। राज्यभर में मतदान समाप्त होने के अंतिम क्षणों में ७५ लाख अतिरिक्त वोटों के रहस्य पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि मतदान का प्रतिशत अचानक कैसे बढ़ा? शाम ६ बजे के बाद कुल कितने वोट डाले गए, इस पर अब तक कोई आधिकारिक जानकारी क्यों नहीं दी गई? कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया। इसके साथ ही राज्य चुनाव आयोग, राज्य सरकार और केंद्र सरकार को भी अपनी भूमिका स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। इस घटनाक्रम के चलते चुनाव आयोग और महायुति सरकार की चिंता बढ़ गई है।
कैसे बढ़ गए ७५ लाख वोट?
हाई कोर्ट में याचिका पर हो रही है सुनवाई
हाई कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग की खबर लेते हुए पूछा कि शाम ५ से ६ बजे के बीच कितने वोट डाले गए? शाम ६ बजे के बाद प्रत्येक मतदान केंद्र पर कितने टोकन वितरित किए गए? यह सब जानकारी अगले दो सप्ताह में कोर्ट को उपलब्ध कराया जाए। असल में मतदान के आखिरी पलों में ७५ लाख वोट बढ़ गए थे। इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई चल रही है।
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज, मतगणना की वीडियो रिकॉर्डिंग और मतदान का पूरा विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि मतदान समाप्त होने से पहले और उसके बाद कुल ७५ लाख अतिरिक्त वोट डाले गए, लेकिन इसका कोई आधिकारिक विवरण नहीं दिया गया। इसका हिसाब मिलना चाहिए। याचिका में मांग की गई है कि मतदान की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव दोबारा बैलेट पेपर से कराए जाएं।