सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा ने १७ से २२ मार्च तक पूर्वी और पश्चिमी एक्सप्रेस हाईवे पर विशेष सफाई अभियान चलाया। इस दौरान ७९ किलोमीटर लंबी सड़कों से १५८.५ टन कचरा हटाने का दावा किया गया। इस अभियान के दौरान फुटपाथों, सर्विस रोड और बस स्टॉपों की सफाई के साथ-साथ सड़क के किनारे लगे पेड़ों, डिवाइडरों और साइनेज की भी रंगाई-पुताई की गई। मनपा ने इसे हाईवे पर ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने और शहर को साफ रखने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम बताया है।
यह सफाई सिर्फ रात १० बजे से सुबह ६ बजे तक की गई, जिससे दिन में फिर से गंदगी जमा होने लगी। शहर में अवैध होर्डिंग्स, सड़क किनारे ठेले और अव्यवस्थित कूड़ा प्रबंधन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। मनपा ने कचरा तो हटा दिया, लेकिन रोजाना जमा होने वाले कचरे को रोकने की कोई व्यवस्था नहीं की।
कचरा रीसायकल हुआ या डंपिंग ग्राउंड में डाला गया
इसके अलावा, प्रशासन ने यह नहीं बताया कि हटाया गया कचरा रीसायकल हुआ या सिर्फ डंपिंग ग्राउंड में डाल दिया गया। सफाई अभियान के दौरान इस्तेमाल किए गए १६ मैकेनाइज्ड क्लीनिंग मशीन, वॉटर टैंकर और अन्य संसाधन सिर्फ कुछ दिनों के लिए सक्रिय रहे, जबकि शहर में रोज सफाई की जरूरत है। इस विशेष सफाई अभियान से हाईवे कुछ दिनों तक जरूर साफ रहा, लेकिन स्थायी समाधान के बिना यह सिर्फ एक दिखावटी प्रयास ही बनकर रह गया।