– आईसीयू में करना पड़ा भर्ती
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई शहर में भी एचएमपीवी वायरस ने घुसपैठ कर ली है। शहर में इस वायरस से संक्रमण का पहला मामला सामने आया है। पवई इलाके के हीरानंदानी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती छह महीने की बच्ची में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है।
इसके साथ ही महाराष्ट्र में एचएमपीवी मामलों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। हीरानंदानी अस्पताल के डॉक्टरों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने १ जनवरी को पुष्टि किए गए एचएमपीवी मामले के बारे में स्थानीय नागरिक कार्यालय को सूचित किया था। लेकिन परेल में नागरिक स्वास्थ्य मुख्यालय में मनपा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। इससे पहले नागपुर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने सोमवार को दो मामलों की सूचना दी। बता दें कि चीन में एचएमपीवी मरीजों की बढ़ती संख्या की रिपोर्टों ने एक और महामारी के बारे में लोगों की आशंका बढ़ा दी है। एचएमपीवी वायरस के टेस्ट की कीमत लगभग ७,००० रुपए है।’
टास्क फोर्स का गठन
नागपुर में मिले दो संक्रमितों के बारे में बताया गया कि दो दिन तक लगातार बुखार रहने के बाद इन लड़कियों ने एक निजी लैब में जांच कराई और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनका घर पर ही इलाज किया गया और इनकी हालत स्थिर है। गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सैपले की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करेगी।
खांसी और बुखार
संक्रमित दोनों बच्चियों को खांसी और बुखार था। इनके सैंपल एनआईवी को भेजे गए हैं क्योंकि इनके लक्षण थोड़े अलग थे। दोनों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी और वे ठीक हो गई हैं। नागपुर के सरकारी मेडिकल और अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने कहा, ‘माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है, यह वायरस कोरोना जैसा खतरनाक नहीं है।’ हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों को मास्क पहनना चाहिए।
बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने एचएमपीवी वायरस को लेकर विभाग की एक आपात बैठक बुलाई है। खबर है कि इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव भी मौजूद रहेंगे। मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन के साथ वर्चुअल बैठक कर एचएमपीवी मरीजों से निपटने की उनकी तैयारियों की समीक्षा की और उन्हें उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी।