उमेश गुप्ता / वाराणसी
फोटोग्राफी केवल कला ही नहीं विज्ञान और तकनीक भी है। यह चुनौती भरा कार्य है। एक अच्छी फोटो हजार शब्द से ज्यादा प्रभावी होती है। यह ऐसी कला है, जो एक कलाकार के रूप में फोटोग्राफर की रचनात्मक दृष्टि को दर्शाती है। यह विचार आज काशी पत्रकार संघ से संचालित वाराणसी प्रेस क्लब के तत्वावधान में आयोजित होली मिलन समारोह, एस अतिबल छाया चित्र प्रतियोगिता/प्रदर्शनी के पुरस्कार वितरण समारोह में महापौर अशोक तिवारी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफी एक चुनौती भरा कार्य है। यह तस्वीर खींचने का माध्यम ही नहीं, बल्कि भावनाओं, कहानियों एवं पलों को सहेजने का तरीका भी है। उन्होंने काशी को स्वच्छ सुंदर एवं हरा भरा बनाने के लिए पौधरोपण का आह्वान किया। इस मौके पर महापौर ने ईश्वरचंद्र सिनहा बहुउद्देशीय सभागार के जीर्णाेंद्धार कार्य का फीता काटकर लोकार्पण किया।
विशिष्ट अतिथि एसीपी प्रज्ञा पाठक ने कहा कि पुलिस और पत्रकार दोनों समाज के ऐसे स्तंभ हैं, जो कानून व्यवस्था और सूचना के प्रवाह को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि ने दीप प्रज्जवलन कर एस अतिबल छायाचित्र प्रतियोगिता / प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। महापौर ने वरिष्ठ फोटोग्राफर सुनील शुक्ला को छायारत्न से सम्मानित किया। एस अतिबल छायाचित्र प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार अंचल अग्रवाल, द्वितीय पुरस्कार अभिषेक पाठक, तृतीय पुरस्कार प्रमोद गुप्ता को प्राप्त हुआ। साथ ही प्रदीप तिवारी स्मृति पुरस्कार उज्जवल गुप्ता, मंसूर आलम स्मृति पुरस्कार अमन आलम, विजय सिंह स्मृति पुरस्कार राजू सिंह दुआ को दिया गया। प्रसंशनीय पुरस्कार विजय शंकर गुप्ता ‘बच्चा’ को दिया गया। वरिष्ठ फोटोग्राफर अनिरुद्ध पाण्डेय एवं सह संयोजक चंदन रूपानी ने प्रतियोगिता को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
आगतो का स्वागत काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डॉ. अत्रि भारद्वाज एवं प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण मिश्र ने किया। संचालन रोहित चतुर्वेदी एवं धन्यवाद ज्ञापन संघ के महामंत्री अखिलेश मिश्र ने किया। कार्यक्रम में काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश गुप्त, राजनाथ तिवारी, बीबी यादव, कोषाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, वाराणसी प्रेस क्लब के मंत्री विनय शंकर सिंह, कोषाध्यक्ष संदीप गुप्ता, सुरेन्द्र तिवारी, उमेश गुप्ता, आशीष बागची, दीनबन्धु राय, कमलेश चतुर्वेदी, रमेश राय, विमलेश चतुर्वेदी, आशुतोष पाण्डेय, दयानन्द, डॉ. नागेन्द्र पाठक, संजय मिश्र, कैलाश यादव, पुरुषोत्तम चतुर्वेदी, जितेन्द्र श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।