-पुराने प्रोजेक्ट की फिर से कर दी घोषणा
रामदिनेश यादव / मुंबई
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से केंद्र सरकार को लगभग ३५ प्रतिशत प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से राजस्व प्राप्त होता है। महाराष्ट्र सरकार के लिए यह आंकड़ा लगभग ५० प्रतिशत तक पहुंच जाता है। राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार मुंबई से खूब कमाई करती हैं, लेकिन जब मुंबई को देने की बारी आती है, तो इनका दोगलापन सामने आ जाता है। मुंबई के हिस्से में ‘चिल्लर’ डाल कर ये लोग मुंबईकरों को झुनझुना पकड़ा देते हैं। कल सोमवार को पेश हुए महाराष्ट्र सरकार के बजट में भी मुंबई के साथ साफ तौर पर सौतेला व्यवहार हुआ और इसके हिस्से में कुछ नहीं आया। पुराने प्रोजेक्टस् की फिर से घोषणा करके उन्हें दिए जाने वाले फंड की घोषणा कर दी गई। वास्तविक रूप में मुंबई को विशेष रूप से कोई नई परियोजना नहीं दी गई है। राज्य सरकार के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार की ओर से पेश किए गए ७ लाख करोड़ रुपए के इस बजट में मुंबई के हिस्से में न के बराबर आया है। इस झूठी और जुमलेबाज महायुति सरकार ने मुंबईकरों को फिर निराश किया है। यही वजह है कि मुंबईकर ‘ईडी’ २.० सरकार से मायूस हो गए हैं।
दो एयरपोर्ट जोड़ेगी मेट्रो
पुरानी परियोजनाओं के लिए कुल ६४,७८३ करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। मुंबई में ४१ किलोमीटर मेट्रो परियोजना का उल्लेख भी किया गया है, जो दो एयरपोर्ट को जोड़ेगी।
सात साल में होगी पूरी
मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से नई मुंबई अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तक बननेवाला मेट्रो करीब ७ वर्ष में पूरा होगा। इसके लिए निधि संबंधित मनपा, राज्य सरकार और एमएमआरडीए मिलकर खर्च करेंगी। राज्य सरकार का कितना हिस्सा होगा, इसका उल्लेख कहीं नहीं किया गया।
वही पुराना राग
बजट में वित्त मंत्री अजीत पवार ने मुंबई शहर को गतिमान बनाने का दावा करते हुए, वही पुराना वर्सोवा से मढ़ पुल, वर्सोवा से भार्इंदर कोस्टल रोड, मुलुंड से गोरेगांव सुरंग, ठाणे से बोरीवली सुरंग और ऑरेंज गेट से मरीन ड्राइव तक भूमिगत मार्ग परियोजनाओं की घोषणा की है।
‘ईडी’ सरकार की खुली पोल
मुंबई में प्रदूषण कंट्रोल
पर बजट रहा मौन!
सबकुछ मनपा के भरोसे छोड़ दिया
मुंबई में प्रदूषण एक बड़ी समस्या रही है और ‘ईडी’ सरकार बार-बार इसे काबू में करने की घोषणाएं करती रहती है, पर करती कुछ नहीं। इसके निवारण के लिए मनपा की ओर से तमाम तरह से प्रयास किए जाने का भले ही दावा किया जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से मुंबई में प्रदूषण कंट्रोल के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया गया है। बजट ने प्रदूषण कंट्रोल के मामले में मौन साध रखा है।
इस बजट में न ही किसी योजना की घोषणा की गई है और न ही कोई बजट आबंटित किया गया है। स्वास्थ्य शिक्षा की तो बात ही छोड़ दीजिए। सब कुछ मुंबई मनपा के जिम्मे छोड़ दिया गया है।
सरकार का खोखला बजट
राज्य सरकार ने मुंबई के विकास की सिर्फ बातें की हैं और जब निधि देने की बारी आई है तो सबकुछ मनपा के भरोसे छोड़ दिया गया। विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे ने इसे सरकार का खोखला बजट बताते हुए कहा कि मेट्रो परियोजना में भी यह सरकार मनपा से हजारों करोड़ वसूल लेती है। किसी परियोजना में पैसा देने के बजाय मनपा पर ही ठेल दिया जाता है। कोस्टल रोड पूरी तरह से मनपा ने अपनी निधि से बनाई है, लेकिन घोषणा में सरकार उसे भी अपना बताती है।