सामना संवाददाता / मुंबई
देश की सबसे अमीर मनपा के शिक्षा बजट में खजाना खोलने का खोखला वादा किया गया। इस बार ३,९५५.६४ करोड़ का शिक्षा बज ट पेश किया गया, जबकि पिछले साल ३,३२१.५५ करोड़ रुपए का बजट था। वहीं पिछले साल के मुकाबले इस साल करीब ४५७.८२ करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। दूसरी तरफ महायुति सरकार ने मनपा को शिक्षा व्यय का बकाया कुल ६,५८१.०८ करोड़ रुपए का अनुदान नहीं दिया है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त आयुक्त अमित सैनी ने शिक्षा विभाग का बजट प्रशासक भूषण गगरानी को सौंपा। उल्लेखनीय है कि मनपा के ९३८ प्राथमिक स्कूलों में २,६०,५४४ और १९१ स्कूलों में कुल ३८,४५० बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनके भविष्य को उज्जवल बनाने की जिम्मेदारी ८,७३० अध्यापकों के कंधों पर है। वहीं शहर में बालवाड़ी के ९००, एपीएस के ११०, सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और वैंâब्रिज बोर्ड के ९३ समेत कुल १,१०३ कक्षाओं में ४१,५८५ बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। इसके तहत साल २०२४-२५ में सीबीएसई बोर्ड के १८, आईसीएसई, आईजीसीएसई और आईबी बोर्ड के २१ स्कूल संचालित हैं।
इन स्कूलों में नर्सरी से लेकर नौवीं तक ६,२७९ लड़के और ५,४५७ लड़कियों समेत कुल ११,७३६ विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे की संकल्पना को मुंबईकरों का जमकर प्रतिसाद मिल रहा है।
पॉक्सो पर जारी होगा मार्गदर्शन
मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने कहा कि महाराष्ट्र बाल सुरक्षा कानून आयोग, महाराष्ट्र सरकार और अन्य सेवाभावी संस्थाओं के सहयोग से छात्रों की सुरक्षा के लिए शिक्षक व अभिभावकों के लिए पॉक्सोें कानून को लेकर मार्गदर्शित किया जाएगा। इसके लिए व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा। उच्च माध्यमिक छात्रों के करियर के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम, गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पहला अक्षर उपक्रम शुरू किए जाएंगे।