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गृह विभाग पर गृह क्लेश! …शिंदे को गृह मंत्रालय भी देने के मूड में नहीं भाजपा

रामदिनेश यादव / मुंबई
महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर मचे घमासान के बीच अब गृह मंत्रालय को लेकर क्लेश शुरू हो गया है। इसे लेकर शिंदे और फडणवीस के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है। हालांकि, फिलहाल इस मामले में शिंदे कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं। जहां तक सीएम पद का सवाल है तो शिंदे ने अपना कदम पीछे लेकर यह साबित कर दिया है कि भाजपा के सामने उन्होंने घुटने टेक दिए हैं। ऐसे में साफ है कि महायुति में भाजपा जो चाहती है, वही होगा। इसी के साथ यह भी तय हो गया है कि भाजपा के लिए एकनाथ शिंदे का महत्व अब खत्म हो गया है। भाजपा इन्हें जो भी देगी, उसे लेना ही पड़ेगा। मुख्यमंत्री पद को लेकर हार मान चुके एकनाथ शिंदे ने अपनी लाज बचाने के उद्देश्य से पत्रकार परिषद लेकर स्वीकार किया कि भाजपा जो भी कहेगी, वे मानेंगे। लेकिन इसके साथ ही अब सवाल उठता है कि सीएम पद नहीं मिला तो अब शिंदे क्या करेंगे?

शाह भरोसे शिंदे!
गृह मंत्रालय के लिए दिल्ली से की बात

भाजपा नई सरकार में मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय मतलब टॉप के दोनों मंत्रालय शिंदे को नहीं देगी। संभवत: शिंदे को उनकी पुरानी जगह सार्वजनिक निर्माण व शहरी विकास विभाग ही मिलेगा।

खबर है कि एकनाथ शिंदे नई सरकार में गृह मंत्री पद के लिए अड़ गए हैं, लेकिन उनकी इस मंशा को भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस पूरी होने देने के मूड में नहीं हैं। दरअसल, फडणवीस का सबसे पसंदीदा विभाग गृह विभाग है। उसी के सहारे वे पूरे महाराष्ट्र में अपनी धाक जमाते हैं, अब ऐसे में गृह विभाग देवेंद्र फडणवीस किसी दूसरे को नहीं देंगे, लेकिन शिंदे भी कम नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी बात की है।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री पद को लेकर शिंदे और भाजपा के बीच विवाद किसी तरह खत्म हुआ तो अब गृह विभाग को लेकर क्लेश बढ़ गया है। नई गठित होने वाली सरकार में शिंदे अब गृह मंत्री के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो भाजपा नई सरकार में मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय मतलब टॉप के दोनों मंत्रालय शिंदे को नहीं देगी। संभवत: शिंदे को उनकी पुरानी जगह सार्वजनिक निर्माण व शहरी विकास विभाग ही मिलेगा। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, शिंदे पर गद्दारी का ठप्पा लगा है। ऐसे में भाजपा शिंदे गुट पर भविष्य के लिए किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है। यही वजह है कि भाजपा शिंदे को ये दोनों विभाग न देकर अन्य कोई दो विभाग दे सकती है।
शिंदे गुट के विधायक ठगे गए?
विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद शिंदे गुट के विधायक भले बड़े जोर-शोर से जश्न मना रहे थे, लेकिन अब मंत्री पद के लिए वे खुद को लाचार पा रहे हैं। अजीत पवार गुट की भाजपा से बढ़ती नजदीकियों के चलते शिंदे गट अब खुद को अलग-थलग देख रहा है। वास्तव में अब उन्हें एहसास हो रहा है कि वे ठगे जा चुके हैं। ऐसे में शिंदे गुट के विधायक किसी भी तरह मंत्री पद पाने की ख्वाहिश लेकर अब भी ताज लैंड्स होटल में रुके हुए हैं।

शिंदे का सरेंडर
बुधवार को ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। अब भाजपा वाले जो पैâसला लेंगे, स्वीकार होगा। भाजपा के लोग मन में कोई अड़चन न लाएं। कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं बनेंगे। इस दौरान वे काफी हताश नजर आ रहे थे। वे भले खुद को खुश जता रहे थे, लेकिन उनके चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी।

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