सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) दूसरे चरण के तहत बनाए जाने वाले घरों को चरागाह की जमीन पर बनाने का निर्णय लिया है। यानी गांव से दूर-दराज के क्षेत्र में गरीबों का आशियाना महायुति सरकार बनाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के लिए १९.६६ लाख घरों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक १६.८१ लाख घरों को मंजूरी दी जा चुकी है। सामाजिक उत्तरदायित्व निधि (सीएसआर) की सहायता लेकर इन कार्यों को गति देने और लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। जिन जिलों में घरों का निर्माण लक्ष्य अधूरा है, वहां के जिलाधिकारी इसे प्राथमिकता दें। चरागाह की भूमि पर आवास योजना लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके अलावा, आवास योजनाओं के लिए आवश्यक बालू, र्इंट और सीमेंट एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए `घरकुल मार्ट’ की अवधारणा लागू की जाए, जिसमें महिला बचत समूहों की सहायता ली जाए।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज केंद्र और राज्य सरकार की प्रमुख सामाजिक योजनाओं की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि भूमिहीन लाभार्थियों को घर के लिए भूमि उपलब्ध कराने में महाराष्ट्र पूरे देश में पहले स्थान पर है। जिन लाभार्थियों को अभी भूमि नहीं मिली है, उन्हें शीघ्र भूमि उपलब्ध कराने के लिए जिला अधिकारी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी समन्वय से कार्य करें। इसके अलावा आयुष्मान कार्ड वितरण में तेजी लाने, जल जीवन मिशन योजना में गति लाने, पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने सहित अन्य निर्देश मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को दिए।