मुख्यपृष्ठग्लैमर‘मैं भला कैसे मना कर सकती थी!’ -सुचित्रा पिल्लई

‘मैं भला कैसे मना कर सकती थी!’ -सुचित्रा पिल्लई

‘दिल चाहता है’, ‘फैशन’, ‘पेज थ्री’, ‘दिल तो बच्चा है जी’ जैसी फिल्मों में सशक्त और बेहतरीन किरदार निभानेवाली सुचित्रा पिल्लई वेब शो ‘द ब्रोकन न्यूज’ सीजन-२ में नजर आ रही हैं। एक सफल मॉडल और बेहतरीन अभिनेत्री के रूप में काम कर चुकीं सुचित्रा ने इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। पेश है, सुचित्रा पिल्लई से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

 ‘द ब्रोकन न्यूज’ सीजन-२ करने की क्या वजह रही?
‘द ब्रोकन न्यूज’ में मेरा किरदार बहुत ही पॉवरफुल है। आज के युग में एक सशक्त नारी का किरदार कौन नहीं निभाना चाहेगा? इस शो के सबसे बड़े आकर्षण जयदीप अहलावत थे और हर हाल में मैं उनके साथ काम करना चाहती थी। कहते हैं न कि जब आप पूरी शिद्दत के साथ कुछ चाहो तो कायनात भी आपका साथ देती है। जयदीप के साथ जब मुझे इस शो का ऑफर मिला तो मैं भला वैâसे मना कर सकती थी? ऐसे सुनहरे मौके का मैं कब से इंतजार कर रही थी।

 जयदीप के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
मैं अपनी खुशियों का इजहार नहीं कर सकती। जयदीप कमाल के एक्टर हैं। आप उन्हें किसी भी रोल अथवा किरदार में ढाल दो वो उस किरदार में ऐसे जमेंगे कि कोई यकीन ही नहीं करेगा कि यह किरदार नहीं जयदीप हैं। शूटिंग के दौरान जयदीप ने मुझे कुछ बहुमूल्य सुझाव भी दिए, जिसका मैंने स्वागत किया।

 मेघना राव जैसी तेज-तर्रार बॉस के किरदार से आपने क्या सीखा?
मेघना राव के किरदार से मैंने कॉन्फिडेंस सीखा। मैंने ये पाठ पढ़ा कि जीवन में चुनौतियों के पल ताउम्र आते रहेंगे, लेकिन उन पलों का, चैलेंजेस का डटकर सामना करना चाहिए। खैर, मेरी यह खुशकिस्मती है कि मुझे सशक्त रोल ही ऑफर हुए हैं।

अब तक की आपकी जर्नी कैसी रही?
आमतौर पर सौ में से नब्बे लोग अभिनय करना चाहते हैं। यह अलग बात है कि फिल्मों में मौका मिलना आसान नहीं होता। मैंने मॉडलिंग में एक अच्छी साख बनाई और सफल रही, लेकिन मॉडलिंग से पहले मेरी एक्टिंग की शुरुआत अभिनय से हुई थी। आज से ३० वर्ष पहले मैंने प्रâेंच फिल्म में काम किया था। फिर मेरा मुंबई में आना हुआ और म्यूजिक वीडियो ‘अपाचे इंडियन’ करने के बाद मुझे चैनल ‘वी’ में वीजे का मौका मिला।

 लेकिन आपने नेगेटिव किरदार भी स्वीकारे?
मुश्किल यह है कि अगर एक ही तरह के किरदार आप दो-तीन फिल्मों में करें तो यहां टाइपकास्ट होने में देर नहीं लगती। इसलिए जब नेगेटिव किरदार का ऑफर मिला तो मैंने वो किरदार भी खुशी से निभाए।

 निर्देशक मधुर भंडारकर आपको भाग्यशाली मानते हैं, क्या यह सच है?
मधुर ने मुझे फिल्म ‘फैशन’, ‘पेज थ्री’ और ‘दिल तो बच्चा है जी’ में काफी अच्छे किरदार सौंपे और मैंने सारे किरदारों को एन्जॉय भी किया। उनके साथ मेरी एक अच्छी अंडरस्टैंडिंग बन चुकी है। उनके जैसे रियलिस्टिक फिल्में बनानेवाले फिल्म मेकर ने मुझे मौका दिया, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।

 फिल्म और ओटीटी पर काम करते समय स्टेज करने का कितना फायदा मिलता है?
अगर कोई कलाकार थिएटर से आया है, तो उसे फिल्म या ओटीटी के लिए पहला मौका मिलता है। मैंने काफी थिएटर किया और अभी भी करती हूं। लिलिएट दुबे, जॉय सेनगुप्ता के साथ मेरा नाटक ‘डांस लाइक ए मैन’ के अब तक ६७६ शो हो चुके हैं और पिछले २७ वर्षों से यह नाटक दुनिया भर में लोकप्रिय है। स्टेज पर काम करने का अपना एक अलग चार्म है।

 डबिंग का हुनर कैसे और कहां से आया?
मेरिल स्ट्रिप, सलमा हायक जैसी हॉलीवुड अभिनेत्रियों की अंग्रेजी फिल्मों की डबिंग हिंदी में करने का काम मैं कई वर्षों से कर रही हूं। विधाता ने मुझे यह तोहफा दिया है कि मैं भिन्न-भिन्न विधाओं पर सफलतापूर्वक काम कर सकती हूं। और हां, मैं कई नेशनल और इंटरनेशनल एंटरटेनमेंट शो भी होस्ट कर चुकी हूं।

 क्या कभी ऐसा भी हुआ जब आपके पास कोई काम न रहा हो?
बिल्कुल ऐसा होता है। फिल्म, नाटक, मॉडलिंग, डबिंग जैसे कई कार्यों में दिल से इन्वॉल्वमेंट के बावजूद बिना काम के घर भी बैठना पड़ा है। खासकर लॉकडाउन और उसके बाद। मैंने सभी मेकर्स को फोन करके कहा कि अगर मेरे लायक कोई रोल हो तो वे मुझे याद करें। मेरे पास कोई काम नहीं हो तो निर्माताओं के पास काम मांगने में मुझे कोई हर्ज नहीं लगता। इतनी फ्लैक्सिबिलिटी तो होनी चाहिए।

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