सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव से जुड़े ‘गंभीर मुद्दे’ को लेकर कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने कल चुनाव आयोग से मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम लोग विस्तृत और व्यापक रूप से चर्चा करके आए हैं। हमारे गंभीर मुद्दे हमने उनके पास रखे हैं। चुनाव समतल जमीन पर होना चाहिए, नहीं तो संविधान पर आघात होता है। हमारे मुद्दों पर तथ्य देना चाहिए चुनाव आयोग को। उन्होंने कहा कि वोटर्स की कमी हुई है, महाराष्ट्र में उसके जो तौर तरीके हैं, उसकी प्रक्रिया के लिए हमने डेटा मांगा है। वोटर लिस्ट में जो एडिशन हुआ है, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में लगभग ४७ लाख लोग जुड़े हैं। इसका औचित्य हमने चुनाव आयोग से पूछा है और पूरा प्रमाण और डेटा मांगा है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने आज ईवीएम और पोलिंग के डेटा को लेकर कांग्रेस के काफी कन्फ्यूजन दूर कर दिए हैं। जो अभी भी बाकी हैं, उनका लिखित में जवाब दिया जाएगा। बता दें कि कांग्रेस की तरफ से महाराष्ट्र के चुनाव को लेकर जो शिकायतें की गई थीं, उन्हें लेकर और उनका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग ने आज कांग्रेस नेताओं को बुलाया था। इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी, नाना पटोले, मुकुल वासनिक समेत कांग्रेस के ९ नेता चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे थे। इस दौरान कांग्रेस के तीन सवाल थे। पहला कि चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में नाम काटे गए। दूसरा कि वोटर लिस्ट में ४७ लाख नए वोटर किस आधार पर जोड़े गए और तीसरा वोटिंग के बाद शाम में चुनाव आयोग ने पोलिंग का जो डेटा जारी किया, उसमें और रात ११ बजे जारी किए गए डेटा में ७६ लाख वोट कैसे बढ़ गए?
कांग्रेस के नेताओं का कहना था कि महाराष्ट्र की ११८ विधानसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव के मुकाबले करीब २५ हजार ज्यादा वोट पड़े हैं। ये अप्राकृतिक रूप से बढ़त है। इन ११८ सीटों में से १०२ सीटों पर महायुति की जीत हुई है। इसलिए उन्हें चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का शक है। चुनाव आयोग ने कुछ सवालों के जवाब दिए हैं। बाकियों का जवाब वह लिखित में विस्तृत रूप से देंगे, कांग्रेस इसका इंतजार करेगी। उन्होंने कहा कि जब तक ये शक दूर नहीं हो जाता तब तक कांग्रेस चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाती रहेगी।