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कैसे जाएं मुलुक : टिकट खिड़कियों पर दलालों का दबदबा! …आम लोगों को वेटिंग टिकट भी नसीब नहीं

सामना संवाददाता / मुंबई
रेलवे में टिकट न मिलने की समस्या बढ़ती हुई नजर आ रही है। पीक सीजन में तो आम यात्रियों के हाथ कुछ नहीं लगता है। मुंबई में कई लोग दो महीने पहले रेलवे में अपना आरक्षण करवाना चाह रहे है, लेकिन इंडियन रेलवे वैâटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट पर टिकट विंडो खुलते ही महज चंद सेकंड में ही लोगों को रिग्रेट दिख रहा है। हैरानी की बात यह है कि वेटिंग भी नहीं मिल रही है।
समर वेकेशन में मुंबई से अन्य शहरों और राज्यों में जाने के लिए यात्रियों ने योजना बनानी शुरू कर दी है। रेलवे ने अपनी वेबसाइट पर २ महीने पहले टिकट बुकिंग की सुविधा दी है। हालांकि, यात्रियों का कहना है कि अब उन्हें २ महीने पहले का भी टिकट नहीं मिल रहा है। बुकिंग शुरू होते ही वेबसाइट पर ‘रिग्रेट’ दिखने लगता है। वहीं कुछ का कहना है कि यदि एजेंट के माध्यम से टिकट लिया जाए तो अधिक पैसे देकर तुरंत कन्फर्म टिकट मिल जाता है। इससे सवाल खड़ा हो रहा है कि टिकट की बिक्री वास्तव में यात्रियों के लिए हो रही है या फिर एजेंटों के माध्यम से दलाली का खेल चल रहा है। नालासोपारा के रहने वाले ऋषभ मिश्रा को मई महीने में वाराणसी जाना है। उन्होंने बताया कि वह हर दिन टिकट विंडो खुलने के बाद टिकट बुक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें रिग्रेट दिखाई देता है।
मालाड के रहने वाले अमित ने बताया कि ऑनलाइन टिकट मिल ही नहीं पा रहा है। बच्चों की छुट्टियां होने वाली हैं और उन्हें गोरखपुर जाना है, लेकिन टिकट बुक नहीं हो पा रहा है। दलाल एक एसी ३ टियर टिकट का ४ हजार रुपए मांग रहे हैं। रेलवे को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
भारतीय रेलवे ने एडवांस रिजर्वेशन की अवधि को १२० दिनों से घटाकर ६० दिन कर दिया है। यह निर्णय १ नवंबर से लागू किया गया है। इसके साथ ही वेटिंग का कोटा भी कम कर दिया गया था। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ८५ से ८८ प्रतिशत यात्री दो महीने पहले ही अग्रिम बुकिंग कराते हैं और इनमें से ३० प्रतिशत से अधिक बुकिंग बाद में रद्द हो जाती है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि यात्रियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके ४ महीने पहले के यात्रा नियोजन में भविष्य में रेलवे प्रोजेक्ट के कारण ट्रेन रद्द होने जैसी समस्याएं न आएं, इसलिए यह निर्णय लिया गया है।

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