-मनपा की कार्यवाही पर उठ रहे सवाल
सामना संवाददाता / मुंबई
मानसून को देखते हुए मनपा नालों की सफाई में जुट गई है। गुरुवार को मनपा ने एक निर्देश जारी कर नालों की सफाई से जुड़े ठेकेदारों को चेताया कि नालों से निकाली गई गाद को दो दिनों के भीतर निस्तारित किया जाना चाहिए। वहीं आवश्यक स्थानों पर ट्रैश बूम का प्रयोग किया जाना चाहिए। नालों की सफाई के लिए २३५ करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, वहीं मानसून आने में ५० दिन बचा है, लेकिन ७० प्रतिशत नालों की सफाई अभी बाकी है।
मानसून पूर्व कार्यों के अंतर्गत मुंबई क्षेत्र में बड़े और छोटे नालों से गाद निकालने का कार्य मनपा कर रही है। मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने मुंबई शहर क्षेत्र के वर्ली स्थित रेसकोर्स नाला, नेहरू विज्ञान केंद्र नाला और दादर धारावी नाला से गुरुवार को गाद निकालने के कार्य का निरीक्षण किया। इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गगरानी ने कहा कि मुंबई महानगर की जल निकासी प्रणाली नालों पर आधारित है।
हर वर्ष मानसून से पहले नालों की सफाई और गाद निकालने का कार्य किया जाता है। हर साल की तरह इस वर्ष भी बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने नालों की गाद निकालने का कार्य हाथ में लिया है। छोटे-बड़े नालों से गाद निकालने के लिए महानगरपालिका २३५ करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अब तक मानसून पूर्व लक्ष्य का लगभग ३० प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। मानसून शुरू होने में अभी सवा महीने का समय बचा है। शेष सवा महीने की अवधि में यह कार्य तेजी से पूरा कर लिया जाएगा, यह उनका दावा है।
उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष नालों की गाद निकासी के कार्य में अधिक पारदर्शिता लाई गई है। गाद निकासी, वजन माप, परिवहन और निस्तारण से संबंधित सभी वीडियो क्लिप का विश्लेषण मनपा प्रशासन कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणाली की सहायता से कर रहा है। इस अवसर पर पहली बार गाद निकासी कार्य के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणाली का उपयोग हो रहा है। इससे नालों की गाद निकासी कार्यों की सही निगरानी और पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने में प्रशासन को मदद मिल रही है।